पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर यानी दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल शहर में एनएमडीसी माइन्स प्रोजेक्ट में लौह अयस्क की खदान 11बी में बना बांध रविवार को टूट गया। जिससे किरंदुल शहर में बंगाली कैम्प 3 नम्बर और 4 नम्बर और 6 नम्बर वार्ड में फ़टे डैम से निकलने वाला गन्दा मलबा इन वार्डो के 100 से अधिक घरों को नेस्तनाबूद कर लोगों को बेघर कर दिया। अचानक आई इस आपदा के मंजर को देखने वालों के रौंगटे खड़े हो गये। क्योंकि लौह अयस्क मिला लाल पानी का सैलाब जहाँ भी पहुँचा तबाही छोड़ गया। हरिभूमि डाट कॉम की टीम ने दूसरे दिन किरंदुल में पहुँचकर पीड़ितों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया।
टीवी, कूलर, आलमारी, फ्रीज तक बह गए
तबाही का आलम यह था कि, सब कुछ तबाह हो गया। जिन घरों में लाल पानी घुसा वहाँ घरेलू उपयोग के टीवी, कूलर, आलमारी, फ्रीज सब बहकर सड़क पर पहुँच गया। घरों में 1 फ़ीट से अधिक लौह अयस्क का मलबा जमा हो गया जिसे पालिका और एनएमडीसी के ठेका श्रमिक हटाने में लगे थे। पीड़ित इस तबाही का जिम्मेदार एनएमडीसी प्रोजेक्ट और नगर पालिका किरंदुल को मान रहे हैं।
पिछले दो साल से नहीं हुई डेम की सफाई
दरअसल बंगाली कैम्प के ऊपर पहाड़ियों पर एनएमडीसी की लोह अयस्क खदान नम्बर 11बी और 11सी है। जिस पर लोह उत्खनन का काम किया जाता है। वर्ष 1989 में 6 नम्बर चैकडेम का निर्माण 10 हजार क्यूबिक मीटर क्षमता का डेम बनाया गया था जिस पर हर वर्ष मलबे की सफाई करवाना होता था। पर बीते 2वर्षो से इस डेम से मलबा नही हटाया गया। डैम के ओवरफ्लो की यह मुख्य वजह बनी जिसका खामियाजा किरंदुल शहर वासियों को उठाना पड़ा।
प्रशासन की टीम नुकसान के आँकलन में जुटी
जिस तरह से घरों में लाल पानी घुसकर तबाही मचाई है, बिखरी जिंदगियां पटरी पर आने में हफ्तेभर लग जायेंगे। प्रशासनिक अमले द्वारा पास के ही मंगल भवन में राहत शिविर बनाकर पीड़ितों को रखा गया है। साथ ही एक टीम द्वारा मुवावजे का आँकलन किया जा रहा है।
कांग्रेस ने पीड़ितों को मुवावजा नहीं मिलने पर चक्का जाम की चेतावनी दी
कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवधेश गौतम मौके पर पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने स्थिति का जायजा लेते हुए एनएमडीसी को इस हादसे का कसूरवार ठहराया। साथ ही पीड़तों को पूरे नुकसान की भरपाई एनएमडीसी से करने की मांग की है। यदि मांग पूरी नही होती तो एनएमडीसी के खिलाफ उग्र आंदोलन और चक्का जाम करेगी कांग्रेस।