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सीएमएचओ रायपुर ने इस मामले की जाँच करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। 

रायपुर। पहलाजानी टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में कथित तौर पर बच्चा बदलने के मामले में हरिभूमि की खबर का बड़ा असर हुआ है। खबर प्रकाशित होने के बाद सीएमएचओ रायपुर ने इस मामले की जाँच करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अफसर को शामिल किया गया है। कमेटी पखवाड़ेभर में अपनी जांच कर रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि, आईवीएफ के माध्यम से बचेली, बस्तर निवासी सिंह दंपति को संतान प्राप्ति हुई थी। अशोक सिंह का आरोप है कि, एक बेटा और एक बेटी का जन्म हुआ था। नर्स ने आपरेशन थिएटर से बाहर आकर यही बताया। लेकिन अस्पताल वालों ने बेटे के बदले बेटी दे दी। बच्चा बदलने के इस मामले की खबर हरिभूमि में प्रकाशित होने के बाद इस मामले में जांच की मांग की जा रही थी। 

जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने इस मामले को संवेदनशीलता से लिया। उन्होंने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी में जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अफसर के साथ जिला कार्यक्रम प्रबंधक और एएसओ को शामिल किया गया है। कमेटी प्रकरण की पूरी छानबीन कर मामले की हकीकत का पता लगाने का प्रयास करेगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन और प्रार्थी पक्ष से जानकारी लेने के बाद उपलब्ध कराई गई डीएनए रिपोर्ट संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी। प्रकरण  की जांच पखवाड़ेभर में करने के बाद रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रकरण में अगर लापरवाही पाई जाती है, तो आवश्यक एक्शन लिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री भी ले चुके संज्ञान

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल प्रार्थी पक्ष के साथ न्याय करने की बात कह चुके हैं। इस बात की संभावना है कि उनके द्वारा भी मामले की जांच के लिए विभागीय स्तर पर निर्देश दिए जा सकते हैं। प्रकरण में कलेक्टर से भी शिकायत की गई है। इस मामले में बच्चा वापस पाने के लिए प्रार्थी अशोक सिंह द्वारा खम्हारडीह थाने में शिकायत की गई थी, जिस पर अब तक जांच जारी है।

अस्पताल प्रबंधन कर रहा है इनकार

वहीं इस मामले में पहलाजानी टेस्ट ट्यूब सेंटर के संचालक बच्चा बदलने के आरोप को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग भी पहुंचा मामला

इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में भी की गई है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि शिकायत प्राप्त हुई है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। प्रार्थी ने मामले की जांच कराने का आग्रह किया है। श्री कानूनगो ने कहा कि, वे जल्द इस मामले में निर्णय लेंगे।

 

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