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छत्तीसगढ़ के पंडरिया के तालाब में बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां पानी के ऊपर आ गई। नगरपालिका सीएमओ अपनी टीम के साथ मामले का जायजा लेने पहुंचे। 

कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया नगर के दुर्जाबान्द तालाब और बांधा तालाब में गुरूवार को बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां पानी के ऊपर आ गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोग पानी का इस्तेमाल करने से घबरा रहे हैं। लोगों की शिकायत के बाद पंडरिया नगर पालिका के सीएमओ कोमल ठाकुर मौके पर पहुंचे और तालाब का जायजा लिया।

दरअसल, पंडरिया नगर के दुर्जाबाद तालाब और बांधा तालाब के आसपास रहने वाले लोगों के मकान के सेप्टिक टैंक और बाथरूम का गंदा पानी पाइप के जरिए तालाब में डाला जा रहा है। इसके चलते तालाब का पानी प्रदूषित हो गया जिससे मछलियां भी मरने लगी हैं। 

प्रशासनिक लापरवाही के चलते सूख गए तालाब 

स्थानीय लोगों का कहना है कि, पहले नगर में आठ से ज्यादा तालाब हुआ करते थे। स्थानीय लोग नहाने, धोने और जानवरों को पानी पिलाने जैसा काम तालाबों में ही किया करते थे। यहां पर ज्यादा तालाब होने के कारण यहां का जलस्तर भी बहुत ही अच्छा था। लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण एक-एक करके सभी तालाब सूख गए। फिलहाल नगर में दो ही तालाब बचे हुए हैं। मगर वे भी प्रदूषित हो चुके हैं। इसलिए उनका उपयोग करना भी बहुत मुश्किल हो गया है। अगर प्रशासन ने तालाब बचाने के लिए कोई पहल नहीं की तो ये तालाब भी जल्द ही अपना अस्तित्व खो देगी। 

मौके का जायजा लेने पहुंचे नगर पालिका सीएमओ

पंडरिया नगरपालिका सीएमओ कोमल ठाकुर ने बताया कि, तालाब में मछलियों के मरने की सूचना मिलने पर हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हमें पता लगा कि, तालाब के आसपास रहने वाले लोग अपने मकान का गंदा पानी तालाब में गिरा रहे हैं इस वजह से तालाब प्रदूषित हो गया और मछलियां मरने लगी हैं। 

तालाब में गंदा पानी जाने से रोकने बनाएंगे नाला 

सीएमओ कोमल ठाकुर ने आगे कहा कि, पहले हम आसपास के मकान मालिकों का सर्वे करेंगे और उन्हें नोटिस देंगे। इसके बाद गंदे पानी को रोकने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही आसपास नाली का निर्माण कराया जाएगा जिससे लोग घरों का पानी नाली में डाल सकें। 

बारिश के पानी को सहेजने का बना रहे प्लान 

पंडरिया नगर में तेजी से घट रहे भूजल स्तर से शासन-प्रशासन ही नहीं बल्कि नगर वासी भी चिंतित हैं। इसके लिए शासकीय, निजी मकान और कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग बनाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही तालाब और नहर को पुनर्जीवित कर बारिश के पानी को सहेजा जाएगा। 

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