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मोहला में दो छात्राओं की मौत के बाद परिजन अब हॉस्टल प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं। दो छात्राओं की मौत के बाद जांच तो दूर लेकिन मौत के तीन दिनों बाद भी पीड़ितों के घर नहीं प्रशासन पहुंचा। 

एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला में हॉस्टल से घर जाने के बाद दो छात्राओं की मौत हो गई थी। इस मामले वार्डन श्रद्धा देशमुख और आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त शशिकांत दुबे पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि, हॉस्टल से ही छात्राएं उल्टी दस्त से संक्रमित हुई थी और फिर रक्षाबंधन की रात उनकी मौत हो गई थी। वहीं रक्षाबंधन के बाद हॉस्टल लौटी पांच छात्राएं डारिया से पीड़ित हैं जिनका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहला में इलाज जारी है। 

उल्लेखनीय है कि, प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मोहला में अध्यनरत कक्षा सातवीं की छात्रा मान्यता अमरिया मोहड अंबागढ़ चौकी निवासी तथा मानपुर विकास  के पारलझरी निवासी सपना जाडे का हॉस्टल से घर लौटने के उपरांत रक्षाबंधन की रात मौत हो गई थी। दो छात्राओं की मौत पर परिजनों ने बताया कि, हॉस्टल से ही इन्हें उल्टी दस्त शुरू हुआ था। वे लोग अपने अपने गांव में जैसे तैसे बच्चियों का इलाज करा रहे थे। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। उन्होंने आगे कहा कि, मौत के दो दिनों तक वार्डन सहित आदिम जाति कल्याण विभाग छात्राओं की मौत को दबाए रखा और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना भी नहीं दी गई। उल्टे वार्डन श्रद्धा  देशमुख सातवीं कक्षा की छात्रा मान्यता की मौत हार्ट अटैक तथा दसवीं कक्षा की छात्रा सपना की मौत झोलाछाप  डॉक्टर से करवाने से होने का दलील दे रही हैं। इन सबके बीच दो आदिवासी छात्राओं की मौत में जांच तो दूर मौत के तीन दिन बीत जाने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी परिवार को ढांढस बंधाने उनके घर भी नहीं पहुंच पाए हैं।

हॉस्टल में हैं 104 छात्राएं 

जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय मोहला में प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी विकास खंड में निवासरत छठवीं से लेकर दसवीं कक्षा की 104 -छात्राओं का दर्ज संख्या है। जिसमें रक्षाबंधन के बाद 59छात्राओं का ही उपस्थिति हास्टल में है। हॉस्टल में सब कुछ ठीक है तो 45 छात्राएं घर से हॉस्टल क्यों नहीं लौटी? उनकी स्थिति क्या है? फिलहाल इसका प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है।

डायरिया से संक्रमित हुई 5 छात्राएं

लोगो का कहना है कि, दोनों छात्राओं की मौत पर भले ही हर तरह का पर्दा डाला जा रहा है। रक्षाबंधन के बाद घर से हॉस्टल लौटी दो छात्राओं का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहला में डारिया से पीड़ित होने के कारण दिन को इलाज कराया गया। वहीं तीन छात्रा़ओ को रात मे एडमिट किया गया।

छात्राओं का नहीं हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

हरिभूमि की पड़ताल में पता चला है कि, 8 अगस्त के बाद प्री मैट्रिक छात्रावास में अध्यनरत किसी भी छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया गया। रक्षाबंधन त्यौहार में दो- दो छात्राओं की मौत के भवर में फंसे हॉस्टल प्रंबधन ने 21 अगस्त को स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। जिसमें पांच छात्राएं डायरिया से पीड़ित निकली हैं।

अधिकारी बोले- घर में हुई मौत 

आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त शशिकांत दुबे और हॉस्टल वार्डन श्रद्धा देशमुख का स्पष्ट कहना है कि, छात्राओ की मौत घर में हुई है तो हम क्या करें। 

हॉस्टल से ही थी तबियत ख़राब- पिता 

छात्रा मान्यता के पिता ठेलसिह अमरिया तथा सपना जाड़े के पिता भारत जाड़े ने बताया कि, उनकी बच्चियों को हॉस्टल से ही उल्टी- दस्त से पीड़ित थी। वे लोग जैसे- तैसे अपने स्तर पर इलाज करवा रहे थे लेकिन बाद में उनकी बच्चियों की मौत हो गई।

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