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शासन ने परिपत्र जारी कर संभागायुक्त, संयुक्त संचालक और डीईओ से कहा- एक सप्ताह में सूची दें।

रायपुर। राज्य सरकार ने दूसरे विभागों में काम कर रहे शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य से हटाकर वापस उनके विद्यालय में जाकर शिक्षण कार्य कराने का निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा सचिव को इस पर एक सप्ताह के अंदर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश भी जारी किया गया है। बताया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी गैर शिक्षकीय कार्य के लिए विभिन्न कार्यालयों एवं संस्थाओं में संलग्न है और गैर शैक्षणिक संलग्नीकरण से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। मामले में शिकायकर्ताओं ने स्कूल में शैक्षणिक व्यवस्था के लिए त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह शिक्षामंत्री से किया था। संचालनालय के अफसरों ने बताया कि इस संबंध में उनके पास इसकी कोई सूची नहीं है। 

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग के लगभग 6 हजार से अधिक शिक्षक गैर शिक्षकीय कार्यों में संलग्न हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त करते हुए सभी संभागायुक्तों, संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी को परिपत्र भेज कर कहा है कि सात दिन के भीतर इस पर अमल कराकर प्रमाणपत्र डीपीआई आफिस में जमा करें। यह भी स्पष्ट किया गया है कि सारे अटैचमेंट तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए गए हैं। ऐसे में उन सभी को मूल पदस्थापना स्थल पर अपनी उपस्थिति देनी होगी। जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा संचालनालय, राजीव गांधी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, एससीईआरटी, तहसील, संस्कृत बोर्ड, जेडी आफिस, डीईओ, बीईओ आफिस, कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, निर्वाचन शाखा, एसडीएम, तहसील, सर्वशिक्षा अभियान जैसी जगहों पर शिक्षक गैर शिक्षकीय कार्य मं संलग्न किए गए हैं। स्थानीय स्तर पर इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।

संचालनालय में सेटअप से दोगुने कार्यरत

लोक शिक्षण संचालनालय में सहायक संचालक के 7 पद सेट अप में स्वीकृत है, जो प्राचार्य स्तर के हैं। इन स्वीकृत पदों पर 15 प्राचार्य और व्याख्याता गलत ढंग से स्थानांतरण, नियम विरुद्ध बिना शासन के आदेश तथा व्यवस्था के तहत संलग्न होकर कार्य कर रहे हैं। अपर पदों से नियमित वेतन लेकर शिक्षकीय कार्य छोड़कर बाबूगिरी कर रहे है, जो वित्तीय नियमों के विपरीत है।

डीपीआई में अफसर बन बैठे ट्राइबल के प्राचार्य

आदिम जाति कल्याण विभाग स्कूल के प्राचार्यों को छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय यानी डीपीआई में अफसरों की जिम्मेदारी दे दी गई है। पूर्व में यह नियम है कि किसी भी ट्राइबल क्षेत्र के अधिकारी या कर्मचारी को उनकी मूल पदस्थापना से हटाकर कार्यालयों में पदस्थ नहीं किया जा सकता है।

वर्षों से चल रहा खेल

शिक्षा विभाग में शिक्षकों का गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न करने का खेल वर्षों से चल रहा है। यहां पर मूल काम छोड़कर ये सब बाबू गिरी में लगे रहते हैं। विभाग द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण कई स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मामले में राजनीतिक पहुंच और अफसरों के नजदीकी संबंधों का लाभ उठा रहे हैं। कड़े कदम उठाने पर ही ऐसे खेल बंद होंगे।
 

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