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वो कहते हैं न कि, जंगल में मोर नाचा.. किसने देखा... किसने देखा। कुछ इसी तरह के होते हैं वनांचल में सरकारी आयोजन। बच्चों को मैराथन के नाम पर सड़क पर दौड़ाने के बावजूद उनको पानी तक नहीं पिलाया गया, वहीं अफसरों और कर्मचारियों के लंच का इंतजाम रखा गया।

एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। जिला प्रशासन मोहला, मानपुर, अम्बागढ़ चौकी द्वारा सम्पूर्णता अभियान का आयोजन आकांक्षी विकासखंड अम्बागढ़ चौकी में किया गया। इसके तहत गुरुवार की सुबह आदिवासी वनांचल मुख्यालय में अध्यनरत मासूम छात्र-छात्राओं को मैराथन  दौड़ के नाम पर सड़क पर दौड़ाया गया। परंतु लचर प्रशासनिक व्यवस्था के बीच दौड़ में थके हुए बच्चों को बिस्किट तो दूर पानी तक नसीब नहीं हुआ। वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यक्रम के पूरे समय पसीना बहाते रहे। प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों के लिए प्रांगण में विशिष्ट भोजन का आयोजन रहा। 

मिली जानकारी के अनुसार, संपूर्णता अभियान के तहत आज सुबह मैराथन दौड़ के नाम पर अंबागढ़ चौकी मुख्यालय के क्रीड़ा परिसर सहित समस्त स्कूलों मैं अध्यनरत छात्र-छात्राओं को मैराथन दौड़ के नाम पर सुबह 8 बजे बुलाया गया। औपचारिकता के बीच निपटे इस कार्यक्रम में अधिकारी- कर्मचारियों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था रखी गई थी। सुबह  मैराथन दौड़ में सड़क पर दौड़ लगाने वाले मासूम छात्र-छात्राओं के लिए बिस्किट का पैकेट तो दूर पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई थी। पूरे समय थकान में हलकान बच्चे पानी  के लिए तरसते रहे। मैराथन दौड़ 11 बजे शुरू होने वाले मुख्य कार्यक्रमों के दौर में जनपद पंचायत प्रांगण में बैठे महिला समूह और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्मी से हलाकान पसीना बहाते घण्टों बैठे वक्ताओं के भाषण में ताली बजाते रहे। आयोजन स्थल पर न ही पंखा लगा था और ना ही कूलर का इंतजाम किया गया था। 

कोसते हुए निकले बच्चे और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

आयोजन में उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की गई थी आयोजन पश्चात भूखे प्यासे बच्चे और महिला बाल विकास आंगनवाड़ी सहायिका और कार्यकर्ता आयोजकों को कोसते हुए घर वापस लौटे। 

एसडीएम का दावा- पानी का इंतजाम था

हालांकि एसडीएम हेमेंद्र भूआर्य ने हमसे चर्चा में दावा किया कि, पानी की व्यवस्था की गई थी। बच्चे वहां तक नहीं पहुंच पाए। प्रशासनिक तौर पर सारी व्यवस्था की गई थी।
 

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