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साइंस सेंटर राज्य का पहला साइंस संग्रहालय है, जिसे खोलने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों को न्यूनतम मूल्य पर खेल-खेल में विज्ञान सिखाना है।

रायपुर। राजधानी रायपुर का सड्डू स्थित साइंस सेंटर विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाया गया है, जहां औसतन करीब ढाई सौ बच्चे प्रतिदिन 5 से 15 रुपए का टिकट कटाकर साइंस से संबंधित उपकरणों का खेल-खेल में साइंस को समझने के साथ इस क्षेत्र में अपना ज्ञान भी बढ़ा रहे हैं। देखा जाए तो साइंस सेंटर से बच्चों के साथ बड़ों को भी विज्ञान का ज्ञान प्राप्त हो रहा है। लेकिन साइंस सेंटर का प्रतिमाह का खर्च इतना ज्यादा है कि उसकी तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम आय हो पाती है। इससे सरकार को हर महीने जहां लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है, वहीं फंड के अभाव में सेंटर में हजारों-लाखों रुपए की लागत से खरीदकर लाए गए कई उपकरण भी मेंटनेंस के अभाव में खराब हो रहे हैं। हालांकि साइंस सेंटर के अधिकारियों का कहना है कि उपकरणों का नियमिति रूप से मेंटनेंस किया जा रहा है। खराब होते हैं, उपकरण को सुधार दिया जाता है।

उठती चिंगारी उपकरण खराब

 सेंटर में उठती चिंगारी उपकरण है। इस उपकरण का बटन दबाने पर तांबे की दो छड़ से चिंगारी धनुआकार रूप से तब तक ऊपर जात है, जब तक कि वह किसी बिन्दु पर टूट नहीं जाता। यह उपकरण भी काम नहीं कर रहा है। विदित हो कि साइंस सेंटर में मनोरंजन दीर्घा, परिमापन दीर्घा, 3 विमीय शो के साथ जल एक मूल्यवान सम्पदा, सिकलसेल रोग जागरूकता, पर्यटक, सांस्कृतिक, वन सम्पदा सहित अन्य विभागों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस तरह इस सेंटर के माध्यम से बच्चों को विज्ञान के चमत्कार के साथ राज्य की वन, संस्कृति, पर्यटन स्थलों का ज्ञान देने सहित जल का महत्व एवं सिकलसेल जैसे रोग को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है।

धोखा देने वाला सच उपकरण भी खराब

साइंस सेंटर में धोखा देने वाला सच उपकरण भी खराब है। इस उपकरण का बटन दबाने पर तीन घनाकार ढांचे के अंदर दो अलग-ज्यामितीय संरचना के आकार घूमते नजर आते हैं, जो कुछ देर बार पुनः गायब हो जाते हैं। यह उपकरण अब काम नहीं कर रहा है, जिसके कारण बच्चों को भी इस विज्ञान का ज्ञान नहीं मिल पा रहा है।

मेंटेनेंस का काम नियमित

वैज्ञानिक डी.अमित मेश्राम ने बताया कि, साइंस सेंटर में उपकरणों का मेंटेनेस नियमित रूप से करते है। खराब होने पर उपकरण जल्द ही सुधार लिए जाते हैं। कुछ उपकरण खराब है, जिन्हें सुधारने का काम जारी है। 

प्रति माह लगभग एक लाख की आय, खर्च 4 लाख से ज्यादा

साइंस सेंटर की एंट्री फीस 5 रुपए से लेकर 30 रुपए तक है। बच्चों के लिए 5 रुपए एंट्री फीस है, वहीं 3 विमीय शो का 10 रुपए शुल्क है। इस तरह प्रति बच्चे का 15 रुपए शुल्क है। बड़ों के लिए यह शुल्क दोगुना है। 10 रुपए एंट्री फीस एवं 20 रुपए 3 विमीय शो का लिया जाता है। औसतन प्रतिदिन बच्चे-बड़े मिलाकर ढाई सौ लोग साइंस सेंटर पहुंचते हैं। इसके अनुसार प्रति माह लगभग एक लाख रुपए की आय होती है, वहीं साइंस सेंटर के संचालन एवं रखरखाव के लिए अधिकारियों सहित यहां 18 कर्मचारियों का स्टॉफ है। इन कर्मचारियों की सैलेरी से लेकर उपकरणों का मेंटनेंस करने में हर महीने 4 से 5 लाख रुपए खर्च होता। इस तरह खर्च की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम आय हो पाती है।

एलईडी स्क्रीन बोर्ड खराब

साइंस सेंटर में रोमांचकारी अनुभव का अहसास महसूस कराने वाला एलईडी स्क्रीन बोर्ड खराब पड़ा है। इस स्क्रीन पर राज्य के अलग-अलग जिलों के पर्यटन स्थल की तस्वीरें दिखाई देती हैं। इस बोर्ड के पीछे प्लेटफार्म पर खड़े होकर स्क्रीन की तरफ देखने पर तस्वीर में वह खुद को भी उसी पर्यटन स्थल पर पाता है, जिसे देखकर एक रोमांच का अहसास होता है। इस स्क्रीन बोर्ड का सिस्टम खराब हो गया है।

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