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राजनांदगांव शहर के गौरव पथ पर निर्माणाधीन एजुकेशन हब प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ गया है। 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। निर्माण करने वाले ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। 

अक्षय साहू-राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर के गौरव पथ पर निर्माणाधीन एजुकेशन हब प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ गया है। 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। लगभग 12 करोड़ 95 लाख की लागत से बिल्डिंग निर्माण साल 2016-17 से किया जा रहा है. लेकिन अब तक निर्माण कार्य अधूरा है। वहीं अब फिर से टेंडर करने का हवाला देते हुए ठेकेदार द्वारा पिछले 2 साल से काम रोकने की बात सामने आ रही है। वहीं नगर निगम के अधिकारी मामले की लीपापोती में लगे हुए हैं। सालों से काम बंद पड़ा है और निगम के अधिकारी राग अलाप रहे हैं कि, जल्द ही काम पूरा करवा दिया जाएगा।

ठेकेदार बोला- दुबारा टेंडर जारी होगा तो होगी फिनिशिंग 

एजुकेशन हब
एजुकेशन हब

विद्यार्थियों के लिए सुविधा और बेहतर माहौल देने के लिए एजुकेशन हब का निर्माण 6 सालों में भी पूरा नहीं हो सका है। लंबे समय से भवन निर्माणाधीन है, जहां प्लास्टर का काम हो चुका है। लेकिन फिनिशिंग का काम बाकी होने के कारण यह अस्तित्व में नहीं आ सका। इसका निर्माण करने वाले ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए हैं और अब फिनिशिंग का काम करने दोबारा टेंडर करने की तैयारी में हैं। इसका निर्माण पूरा नहीं होने पर जिले के युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा एवं बेहतर पढ़ाई के लिए सुविधा एवं अनुकूल वातावरण देने एजुकेशन हब बनाने प्लानिंग की गई थी। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण शासन की इस योजना ने धरातल पर दम तोड़ दिया है। 

सालों से खड़ा है ढांचा 

गौरव पथ के किनारे करीब 12.5 करोड़ रुपए की लागत से एजुकेशन हब का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इसका ढांचा सालों पहले खड़ा किया जा चुका है। लेकिन काम की गति बेहद धीमी होने से आज तक यह पूरा नहीं बन पाया। शेष काम पूरा होने में अभी समय और लगेगा। एजुकेशन हब बनाने का मूल उद्देश्य युवाओं को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में मदद करना है।

तीन जिलों के युवा कर रहे इंतजार 

इस परिसर में ही बालक एवं बालिका छात्रावास, कोचिंग सेंटर, ई लाइब्रेरी एवं अन्य आधुनिक शैक्षणिक सुविधाएं भी रहेगी। सालों से युवा इस एजुकेशन हब बनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसका निर्माण पूरा होने से केसीजी, एमएमसी एवं राजनांदगांव इन तीन जिलों के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा के लिए दुर्ग, भिलाई एवं राजधानी तक जाने से राहत मिलेगी।

कार्यपालन अभियंता बोले- जल्दी ही पूरा होगा काम 

इस मामले में नगर निगम कार्यपालन अभियंता यूके रामटेके का कहना है कि, लगभग 90 प्रतिशत कम हो चुका है लगभग 10 प्रतिशत कम अभी बाकी है जिसमें खिड़की, दरवाजे, पंखे, एसी, लिफ्ट और अन्य चीज लगाना भी बाकी है, जिसे अतिशीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। लगभग 12 करोड़ 95 लाख की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी 10 करोड़ 98 लाख का टेंडर जारी किया गया था।
 

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