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Exclusive : पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 'सार्थक संवाद' शो में ख़ास बातचीत । यहां देखें वीडियो-

रायपुर। मैं कांग्रेस घोषणा पत्र का राष्ट्रीय संयोजक हूं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में 10 चेप्टर और 48 पेज हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र में न हिंदू न मुस्लिम वर्ग का उल्लेख है। पूरे देश में भ्रम फैलाया जा रहा है। घोषणा पत्र आम लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह कहना है छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मोदी के पक्ष में वैसी लहर नहीं है जैसी 2014 और 2019 में थी। उन्होंने कहा, इस बार इंडिया गठबंधन ने 300 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस का योगदान भी करीब 100 सीट का रहेगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। चुनावी संवाद में आईएनएच-हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से हुई चर्चा के अंशः

सवाल- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बताने में में लगे हैं कि कांग्रेस की घोषणा पत्र यह मुस्लिम लीग की छाया में तैयार किया गया। आपकी मुलाकात उनसे कैसे हो गई

जवाब- मैंने तो मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र और उनकी एक लाइन नहीं पढ़ी। प्रधानमंत्री ने कहां पर इसका प्रभाव देखा यह उनकी निजी सोच है। पूरे घोषणा पत्र में न हिंदू का और न ही मुस्लिम शब्द का किया इस्तेमाल है। 48 पन्ने का घोषणा पत्र है पूरा तो नहीं पढ़े होंगे वे जिस बिंदू के बारे में कह रहे उसी को पढ़ लिए होते। प्रधानमंत्री ने नए वर्गों को जन्म दिया। उन्होंने कहा नेचार कि देश में मेरे लिए चार जातियां हैं। उन्होंने एससी- एसटी को ओबीसी मानिरीटी को खत्म कर दिया, इसीलिए बात आ रही है कि वे आरक्षण समाप्त करने वाले हैं। कांग्रेस ने जो लक्ष्य अपना बनाया उसमें पांच साल काम करने को मिलेगा उसका आधार क्या होना चाहिए। आधार जन होना चाहिए। जन कहां है, 80 प्रतिशत आबादी गैर अल्पसंख्यक है 8 प्रतिशत ट्राइबल है। 15 प्रतिशत एससी आबादी है। 50 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है। शेष आबादी माइनारिटी की है। सेंसस के आधार पर हमने पूरे सिस्टम लिया। इसी के अंदर युवा, बेरोजगार सहित अन्य लोग इसी के अंदर आता है। घोषणा पत्र 10 चेप्टर में बंटा बंटा है। । उस पूरा पढ़ लेते हैं। मुस्लिम और हिंदू शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।

सवाल- गलती कहां हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2006 में राष्ट्रीय परिषद में दिए गए बयान को बताया जा रहा है। पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, विशेष कर मुसलमानों का है।

जवाब- गलती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है जहां वे कहते हैं कि यह धन घुसपैठियों देंगे और ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले को दिया जाएगा। मैंने मनमोहन सिंह के बयान को पूरा पढ़ा नहीं। आउट ऑफ कंस्टेंट लिया गया है। यह धन पहले किसी या समुदाय का हो इससे सहमत नहीं हूं। देश नागरिक का पहला अधिकार है। हमारा संविधान नागरिकता के ऊपर बना हुआ है। जिनको ज्यादा जरूरत हो उससे सरकार के बजट का पैसा मिलना चाहिए।

सवाल- कांग्रेस महिलाओं को साढ़े 8 हजार से ऊपर हर महीने देने का बात कह रहे हैं, कैसे भरोसा करें?

जवाब- इसमें सोचने की बात है भाजपा के साथियों को याद दिला दूं। इसे पांच सौं नहीं 1 हजार करना था। 300 से हनमें पांच सौ रूपए बढ़ाया था। यह प्रारंभ कहा से हुआ, प्रियंका जी ने इसकी घोषणा की। शिवराज सिंह ने इसे लागू कर दिया। कांग्रेस ने इसे हिमाचल और कर्नाटक में लागू कर दिया। मातृत्व योजना को लेकर 500 रुपए देना था वह नहीं कर पाए। यह महिलाओं वाली बात नहीं है। पिछली घोषणा पत्र में हमने कहा था 72000 रुपए देने का था। देश में कोई भी परिवार ऐसा नहीं रहेगा जिनकी आमदनी 1 लाख रुपए कम रहेगी। यह पैसा उस परिवार के घर की हेड महिला को सीधे डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में पहुंचाया जाएगा। इसे समझने के बात है। किसी परिवार की महिला को नहीं कहा जा रहा है. जिनकी आमद‌नी 1 लाख रुपए से कम हो उसके लिए था, इसका बजट 450 लाख करोड़ के आसपास का था। जो सरकार 16 लाख करोड़ से ज्यादा उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर सकती है। तो आमदनी बढ़ाकर निश्चित रूप से 50 लाख करोड़ का बजट आ सकता है। बॉटम अप वाला हिस्सा था। कांग्रेस ने कहा कि रोजगार मूलक हिस्सा भी बढ़ाया जाएगा

सवाल- 16 लाख करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर सकती है। कांग्रेस की सरकार आने पर आपकी उम्मीद किससे हैं।

जवाब- स्पष्ट तौर पर देखें आदर्श स्थिति क्या है? सबके कर्ज माफ कर सकते हैं क्या? यह नहीं कर सकते आपके पास जब आर्थिक संसाधन नहीं है, तो किसे पैसे से कर्जा माफ करेंगे। पब्लिक के टैक्स के पैसे से पहली मदद किसको मिलनी चाहिए। एक सोच थी कि उद्योगपतियों का कर्जा माफ करेंगे तो वे नए उद्योग लगाएंगे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। और देश की आर्थिक स्थिति को गति बढ़ेगी। ऐसा नहीं हुआ। ऐसा क्यों नहीं हुआ उद्योगपतियों ने यह क्यों नहीं किया। क्योंकि लोगों में खरीदने की क्षमता नहीं थी। उद्योगपतियों को यह मौका पहले नहीं मिलना चाहिए। कांग्रेस चाहती है कि नई नीतियां दीजिए उनको वातावरण दीजिए। कांग्रेस उसी के लिए पहले योजना तैयार कर रही है।

सवाल- घोषणा पत्र कांग्रेस के लिए वोट पाने का हथियार बन पा रहा है क्या। या भाजपा का हथियार बनकर आपको ही मार दे रहा है। इसके तमाम प्रावधानों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं?

जवाब- हमारा किया हुआ नहीं है। मोदी की असत्य कथन की एक लंबी फेहरिस्त है। उसका यह हिस्सा है। एक प्रभावी वक्ता है उनके कहने पर लग रहा है कि कहीं सही तो नहीं कह रहे हैं। अभी असत्य बात के अलावा कुछ नहीं कह रहे हैं। दक्षिण के 132 सीटों में वोटिंग के बाद पिछली बार कांग्रेस-भाजपा को 29-29 सीट मिली थी। जो रिपोर्ट उनके पास जो आई होगी, उससे उनको सीट बढ़ती की नहीं दिखी। उनको पुख्ता रिपोर्ट आई की यह नहीं हो पा रहा है। पहले दौर की वोटिंग के समय उनके बयान ऐसा नहीं था। उसके बाद कांग्रेस का घोषणा पत्र भाजपा से पहले आ चुका था। कुछ ऐसा करो की जिससे लोगों का ध्यान आकर्षित कर सके। उसका परिणाम है कि आधारहीन बातें जो शोभा नहीं देता। देश के प्रधानमंत्री, आप सोचिए कि कैसे हंसी के पात्र व्यक्ति बनेंगे। जो मंगलसुत्र बेचने की बात कर  रहे हैं। बिक जाने की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री अडानी- अंबानी को डिफेंड कर रहे हैं। यह मामला चिदंबरम ने भी उठाया था। सैम पित्रोदा ने अमरिका के संदर्भ में कहा।

सवाल- कांग्रेस की स्थिति देश में अच्छी नहीं है। चुनाव में कांग्रेस इसे सुधारने के लिए क्या प्रयास कर रही है?

जवाब- व्यक्तिगत तौर पर देंखें तो भाजपा सत्ता के घंमड और गुरूर में भूल भी गई होगी। भाजपा 2 सीट से लेकर 300 सीट तक पहुंची उन्हें इतना गुरूर क्यों? कांग्रेस की स्थिति कमजोर होने के कारण ऐसी बातें सुनने को मिल रही है। हम अपनी उपस्थिति देश में ऐसे बनाए कि देश में चिंता करने वाले विचारों को पनपने की जमीन न मिले। हम अच्छी स्थिति में नहीं हैं, यह हम मानते हैं, उम्मीद करते हैं, इसमें सुधार आएगा। इंडिया एलायंस ने 300 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस 100 से ज्यादा सीट अपनी तरफ से लाएगी।

सवाल- छत्तीसगढ़ में 11 सीट लड़ रहे हैं। सिंहदेव मैदान में नहीं है ऐसा लोग कह रहे हैं।

जवाब- मेरी व्यक्तिगत पारिवारिक स्थिति जो बनी हुई है। स्वास्थ्य मामले में व्यस्तता है। मुझे अपना क्षेत्र छोड़कर बिलासपुर से लड़ने कहा गया पर मैने मना कर दिया। मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। एक तरह से सबकी राय को माने हुए मैंने निर्णय लिया। विपक्ष में विधायक बिल्कुल नहीं रहना चाहता था।

सवाल- छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कर स्थिति कैसी रहेगी। एक हार के बाद दूसरी हार या कुछ और।

जवाब- मेरा जो फीडबैक ले रहा हूं उसमें बस्तर में आशा से अच्छा किया। शहरी क्षेत्र को छोड़ दें तो ग्रामीण क्षेत्र से अच्छा रिपोर्ट आ रही है। समय के साथ जो परिस्थिति आई उसमें इलेक्ट्रोरल बांड मामला आने के बाद भाजपा की स्थिति में गिरावट आई। उनकी विश्वसनियता न खाऊंगा न खाने दूंगा के बातों रखते थे उस पर गिरावट आई है। देश में कहीं लहर की बात नहीं है। मैदान में उसकी गूंज होनी चाहिए वह नहीं दिख रही है।

सवाल- जय-वीरू की जोड़ी पांच साल चर्चित रही। भूपेश को दिल्ली भेज रहे या नहीं।

जवाब- भूपेश जीत जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र से जो रिपोर्ट आ रही है उसमें कांग्रेस भारी पड़ रही है। शहरी क्षेत्र में कांग्रेस को कितना मिलता है उसके आधार पर फीडबैक मिला है। प्रचार में वो आगे दिख रहे हैं।

सवाल- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कार्यशैली कैसा है।

जवाब- भाजपा के साय सरकार के एक साल पूरा हो जाए उसके बाद ही कुछ कहूंगा। एक दो बार उनसे बात हुई है। उन्होंने अच्छे से बात किया, इनका व्यवहार अच्छा है।

सवाल- सरगुजा से चिंतामणि महराज मैदान में हैं, दूसरी तरफ शशि सिंह हैं किसको सपोर्ट कर रहे हैं?

जवाब-मेरे सामने धर्म संकट नहीं रहता। मेरे सामने पार्टी पहले है, व्यक्ति बाद में आता है। 24 को प्रधानमंत्री अंबिकापुर ले रहे थे वहां से रिकार्डिंग आई की चिंतामणि सो रहे थे। पीएम की सभा में सो रहे है यह ठीक नहीं है। शशि युवा है और काफम् मेहनत कर रही हैं। उम्मीद है परिणाम अच्छा आएगा।


 

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