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महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी का चुनावी प्रचार-प्रसार जारी है। वहीं कांग्रेस में ना तो किसी बैठकों की खबर है और न ही रैली आदि का आयोजन नजर आ रहा है। राजिम विधानसभा में फिलहाल कोई हलचल नही है।

श्यामकिशोर शर्मा-राजिम। लोकसभा चुनाव को देश का सबसे बड़ा चुनाव माना जाता है। पूरे देश में इस चुनाव को लेकर भारी उत्सुकता का वातावरण है। लेकिन छत्तीसगढ़ के महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में वीरानी छाई हुई है। कहीं से भी नही लग रहा है कि लोकसभा का चुनाव हो रहा है। इस लोकसभा क्षेत्र में तीन जिले गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी पड़ता है। तीनो जिले की स्थिति को यदि सामने रखे तो महासमुंद जिले में चार विधानसभा खुद महासमुंद, सरायपाली, बसना और खल्लारी। 

वहीं यदि गरियाबंद जिले की बात करे तो यहां दो विधानसभा राजिम एवं बिंद्रानवागढ़। धमतरी जिले के कुरूद और धमतरी। इस तरह से आठ विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा में पड़ता है और चार विधानसभा में कांग्रेस विधायक जिसमें सरायपाली, धमतरी, खल्लारी और बिंद्रानवागढ़ शामिल है। जबकि चार विधानसभा राजिम, कुरूद, बसना और महासमुंद में भाजपा विधायक है। राजिम विधानसभा में फिलहाल कोई हलचल नही है। कहीं से भी नही लग रहा है कि, लोकसभा का चुनाव हो रहा है। न तो इनके कहीं पोस्टर, बैनर नजर आ रहे है और न ही किसी भी प्रकार से रैली, सभा हो रहा है। दोनो पार्टियों कांग्रेस और भाजपा का एक हाल है। स्थानीय नेता बिल्कुल खाली बैठे हुए है। 

भाजपा में जारी बैठकों का दौर, कांग्रेस में शांति 

भाजपा की बात करे तो इनकी बैठकें मंडल और बूथ स्तर पर जारी है पर कांग्रेस की स्थिति एकदम शुन्य है। इनकी न तो किसी बैठकों की खबर है और न ही रैली आदि का आयोजन ही नजर आ रहा है। मतदान के लिए अब 19 दिन का समय रह गया है। 26 अप्रेल को मतदान है। पिछले जितने भी चुनाव लोकसभा के हुए तो इस कदर उमंग और उत्साह का वातावरण जनता के बीच देखने को मिलता रहा है कि हर शहर, हर गांव में चुनाव की चर्चा धूम मचाएं रहती थी। वह जमाना विद्याचरण शुक्ल का था जब वे चुनाव लड़ते थे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह रहता था। गांव-गांव में विद्याचरण शुक्ल के नारे दीवालो पे महिना भर पहले ही दिखाई पड़ जाती थी। धुआंधार दौरे होते थे और नारेबाजी होती थी। सभाओं का दौर चलता था। अब ऐसा देखने को बिल्कुल नही मिल रहा है। इस बार इस क्षेत्र में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा जमकर गहराया हुआ है। 

ताम्रध्वज साहू को बताया जा रहा बाहरी 

स्थानीय के रूप में भाजपा प्रत्याशी रूपकुमारी चौधरी की चर्चाएं आम है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू को बाहरी प्रत्याशी बताकर जमकर वायरल किया जा रहा है। राजिम विधानसभा क्षेत्र वैसे साहू बाहुल्य क्षेत्र कहलाता है। इस लिहाज से ताम्रध्वज साहू के लोग आश्वस्त है परंतु इस विधानसभा क्षेत्र में विधायक अभी भारतीय जनता पार्टी से रोहित साहू है। पूर्व सांसद के रूप में राजिम विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले चंदूलाल साहू मौजूद है। इसलिए विधायक रोहित साहू और पूर्व सांसद चंदूलाल साहू की जिम्मेदारी इस बार कुछ ज्यादा ही मायने रख रही है। ऊपर से राज्य के वरिष्ठतम नेता पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू को भी अहम जिम्मेदारी इस क्षेत्र के लिए दी गई है। उम्मीद है कि आने वाले दिनो में धीरे-धीरे तस्वीर साफ होगी कि पलड़ा किसका भारी रहेगा? वैसे बता दें कि भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता चाहे किसी भी जाति समुदाय के हो भाजपा प्रत्याशी रूपकुमारी चौधरी के लिए समर्पित नजर आ रहे है।

रुपकुमारी का हो रहा जबरदस्त प्रचार 

गौर करने लायक बात यह है कि, पिछले विधानसभा चुनाव में रोहित साहू को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज रहने वाले और विधानसभा चुनाव में काम न करने वाले इस क्षेत्र के ऐसे नेता भी कदम ताल मिलाकर रूपकुमारी चौधरी के लिए मैदान में उतर चुके है। इस बात का भी यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि, इस जिले में ताम्रध्वज साहू ने कोई छाप अपने मंत्रित्वकाल में छोड़ नही पाया। जबकि वे इस जिले के प्रभारी मंत्री भी रहे। इस लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र है और आठो विधानसभा क्षेत्र में स्थिति दोनो पार्टी की अलग-अलग है। जिस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक है वहां पार्टी को बहुत उम्मीद है। यदि जरा सा भी चुके तो ऐसे विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायको का नंबर पार्टी लेवल में ऊपर तक कम हो जाएगा। इस लिहाज से भी भाजपा विधायक अपने क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही जोर लगा रहे है। यही हाल कांग्रेस का भी है। 

बीजेपी दे रही 1 हजार तो कांग्रेस कह रही 8,333 रुपए देने की बात

कांग्रेस काबिज विधानसभा क्षेत्रो में उनके विधायक सक्रिय है और महिलाओं को रिझाने में दोनो पार्टी पीछे नही है। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महिने एक हजार रूपए आना शुरू हो गया है। वहीं कांग्रेस द्वारा महालक्ष्मी योजना के तहत 8,333 रुपए देने की बात कही जा रही है। मतदाता अभी भ्रमित है। वे अपना मन अभी किसी भी पार्टी के लिए नही बनाया है। इधर राजिम विधानसभा में कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने का एक तरह से दौर शुरू हो गया है। प्रभावशाली स्थानीय नेता जो अपने-अपने गांव क्षेत्र में दखल रखते है वे भाजपा के लिए काम करने लगे है। 

चुन्नीलाल साहू हैं यहां से वर्तमान सांसद

महासमुंद को कांग्रेस के गढ़ के रूप में शुरू से ही जाना जाता रहा है। इस तिलस्म को पिछले तीन चुनाव में भाजपा ने तोड़ा है। दो चुनाव में लगातार चंदूलाल साहू चुनकर आए जबकि अभी पिछले चुनाव में चुन्नीलाल साहू यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे। यह क्षेत्र वैसे विद्याचरण शुक्ल और संत पवन दीवान के क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहा है। छ: बार विद्याचरण शुक्ल जीते थे और दो बार संत पवन दीवान जी व एक बार पंडित श्यामाचरण शुक्ल यहां से सांसद बने थे। 
 

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