रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में EOW ने रविवार को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के कई कारोबारियों और अधिकारियों के ठिकाने पर छापा मारा। जिनमें पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, पूर्व आईएएस निरंजन दास, रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के अलावा आबकारी अधिकारियों समेत वेलकम, केडिया और भाटिया डिस्टिलरी के 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई है।
छापेमारी में ईओडब्लू ने इतनी गोपनीयता बरती कि, किसी को भी कानों-कान खबर नहीं लगी। हमारे विश्वस्त सूत्रों ने हमें बताया कि, इसकी तैयारी पिछले पंद्रह दिन से तैयारी चल रही थी। सभी की प्रोफ़ाइलों का अध्ययन करने के बाद कल दोपहर ईओडब्लू के शीर्ष अधिकारियों की मीटिंग हुई। मीटिंग में ही इसका ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया था।
छुट्टी के दिन बना प्लान
इस पूरे मामले में गोपनीयता इस कदर बरती गई कि, मीटिंग शनिवार छुट्टी के दिन की गई ताकि निचले स्टाफ़ को भी इसकी भनक ना लगे। शीर्ष अफ़सरों ने छापे का ब्लूप्रिंट बनाने वाली टीम से पूरा प्लान समझा और फिर इसे ओके कर दिया। इसके लिए बाकायदा 150 अफ़सरों की भारी भरकम फोर्स छापेमारी के लिए लगाई गई है।
एसपी से मांगा फ़ोर्स, लेकिन जानकारी उन्हें भी नहीं
शनिवार ठीक शाम सात बजे EOW से एक डीएसपी रैंक का विशेष वाहक डीजी डीएम अवस्थी का पत्र लेकर एसपी संतोष सिंह के घर पहुंचा। एसपी उस समय दौरे से घर पहुंचे थे और चाय पी रहे थे। तीन लाइन के पत्र में लिखा था ज़रूरी काम के लिए फ़ोर्स मुहैया करायें। एसपी ने इसके लिए तुरंत आरआई को निर्देश दिया।
EOW के अफ़सरों को भी सुबह तक नहीं थी जानकारी
इस छापेमारी के लिए राज्य भर से EOW के अफ़सरों को कल रायपुर बुला लिया था। उन्हें होटलों और ट्रांजिट हॉस्टल की बजाय आउटर के विश्राम गृहों में रुकवाया गया। गोपनीयता इस कदर थी कि, उन्हें सुबह तक यह पता ही नहीं था कि किसके यहां छापा मारना है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, छापेमारी में शामिल अधिकारियों को सिर्फ एक लाइन का संदेश भेजा गया था कि, कल आधी रात के बाद सुबह चार बजे एयरपोर्ट के ओल्ड टर्मिनल पहुंचे।
एयरपोर्ट में दिया गया छापेमारी का ब्यौरा
पूर्व में जारी आदेशानुसार सुबह चार बजे सभी अधिकारी टर्मिनल पर जमा हो गये और फिर उन्हें पॉइंट दिया गया। जिसके बाद 13 लोगों के 14 ठिकानों पर ठीक पौने छह बजे EOW की टीम धमक पहुंच गई। पहुंचते ही दरवाजा खटखटाया जिसके बाद कुछ अफ़सर आंख मलते हुए दरवाज़ा खोला तो देखा पुलिस का अमला सामने खड़ा है।
ED ने EOW में शराब घोटाले में दर्ज कराई थी FIR
छत्तीसगढ़ में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ED ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि अधिकारी, नेताओं और शराब कारोबारी के अवैध सिंडिकेट की वजह से छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ से ज़्यादा का घोटाला हुआ है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही ED ने आर्थिक अपराध शाखा ने एफ़आइआर दर्ज कराई थी। ED की एफ़आइआर के आधार पर अब EOW छापेमारी की कार्रवाई कर रही है।
होलोग्राम बनाने वाली कंपनी के यहां दिल्ली में पड़ा छापा
अफसरों और शराब ठेकेदारों के अलावा शराब की बोतलों पर होलोग्राम का खेल करने वाली नोएडा की प्रिज्म होलोग्राम कंपनी के नोयडा स्थित परिसर में भी टीम ने आज सुबह दबिश दी। इसके लिए एक डीएसपी के नेतृत्व में EOW की पार्टी दो दिन पहले दिल्ली रवाना हो गई थी।
इनके यहां पड़ा छापा
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के तीनों बड़े डिस्टिलरी केडिया, वेलकम और भाटिया ग्रुप के ठिकानों पर भी EOW की टीम पहुंची है। अरुण पति जेल से छुड़ाने के बाद ग़ायब हैं सो EOW की टीम उनके घर के बाहर बैठी है। EOW के अफ़सरों ने बताया कि, जिनके यहां छापा मारा गया है, उनमें पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, पूर्व आईएएस निरंजन दास, सरकारी शराब कंपनी के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी, आबकारी अधिकारी सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, सिद्धार्थ सिंघानिया शामिल हैं।