रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर एक्शन जारी है। रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर और अरबिंद सिंह को गिरफ्तार करने के बाद ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने आज सुबह शराब कंपनी के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगाव में छापेमारी की है। तक़रीबन एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है।
प्रदेश में ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने आज सुबह शराब स्कैम से जुड़े 15 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। जिसमें आधा दर्जन आबकारी विभाग के अफसर शामिल हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो ईओडब्लू की टीम आज सुबह पौने 6 बजे इन अफसरों और शराब माफियाओं के करीबी लोगों के ठिकानों पर पहुंच गई थी। चूंकि आज मौसम बारिश जैसा था इसलिए अधिकांश लोग लंबी नींद में थे। सुबह जैसे ही टीम ने डोर बेल बजाई तो जब दरवाजा खोला तो उन्होंने देखा कि, पुलिस के साथ ईओडब्लू की टीम खड़ी है। यह देख उनके होश उड़ गए।
ऐसे पकड़ाया अरुणपति त्रिपाठी
एक तरफ जहां छापेमारी की कार्रवाई चल रही है, वहीं दूसरी तरफ कारोबारी अनवर ढेबर और अरबिंद सिंह को गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ चल रही है। कल ही कोर्ट से ईओडब्लू को दोनों की 12 अप्रैल तक रिमांड मिली है। दोनों से ब्यूरो मुख्यालय में ही पूछताछ की जा रही है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो दोनों को अरुणपति त्रिपाठी को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करनी है इसलिए त्रिपाठी की जरूरत थी। मगर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद त्रिपाठी का पता नहीं चल रहा था। ईओडब्लू के अफसरों ने फिर मुखबिरों को लगाया और 8 अप्रैल को पता चला कि, त्रिपाठी बिहार के गोपालगंज में किसी रिश्तेदार के यहां आया हुआ हैं। जिसके बाद यहां से तुरंत ईओडब्लू की टीम रवाना की गयी। टीम कल शाम गोपालगंज पहुंचने के बाद होटल में रुक गई और आज तड़के रिश्तेदार के घर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
कोल और शराब घोटाले में एजेंसी ने की है 2 FIR दर्ज
उल्लेखनीय है कि, कोयला और शराब घोटाला को लेकर प्रदेश में 2 अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। यह FIR भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी एसीबी और ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया है। इसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा और तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों, अफसरों और शराब (डिस्टलरी) कारोबारियों के नाम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो एसीबी और ईओडब्ल्यू ने यह FIR केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डॉयरेक्टर संदीप आहुजा के आवेदन के आधार पर दर्ज किया है। दोनों FIR 17 जनवरी 2024 को दर्ज की गई थी। एजेंसी का नंबर 3/ 2024 और 4/ 2024 है।
शराब घोटाले में इनके नाम शामिल
इस शराब घोटाले में एआईएस अफसर निरंजनदास, रिटायर्ड आईएएस अनिल टूटेजा, उनके पुत्र यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के नाम शामिल हैं। शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
कोयला घोटाले में ये हैं नामजद
वहीं यदि कोयला घोटाले की बात करें तो सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर, रानू साहू, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मंत्री अमरजीत भगत, विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस के तत्कालीन विधायक शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव राय, बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज, विनोद तिवारी, इदरिश गांधी और सुनील अग्रवाल समेत करीब 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है।