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डॉक्टर्स से मिली-भगत करके लोग फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के बाद प्रदेश में 50 से ज्यादा आरक्षित पदों पर नौकरी कर रहे हैं। 

रायपुर।  जिला मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर्स से मिली-भगत करके लोग फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के बाद प्रदेश में 50 से ज्यादा आरक्षित पदों पर नौकरी कर रहे हैं। इसमें डिप्टी कलेक्टर, लेखा अधिकारी, नायब तहसीलदार, सहाकारिता निरीक्षक, पशु चिकित्सक, कृषि विभाग सहित 181 पदों पर वर्षों से काबिज हैं। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ऐसे अधिकारियों की जांच करवाने की मांग विगत दो साल से कर रहा है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से अब राजधानी में उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर है।

राजधानी में विभिन्न जिले से आए दिव्यांगों के साथ यह आरोप सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहितराम चन्द्राकर ने बुधवार को पत्रकारवार्ता में लगाते हुए कहा कि पूजा खेडकर की तरह प्रदेश में 181 अधिकारी नौकरी कर रहे हैं। फर्जी दिव्गाांगता प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने वाले की जांच भी नहीं हो रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत के बाद भी दो साल से कार्रवाई को अटकाने का प्रयास करते हुए दोषियों को बचाने व शिक्षित दिव्यांगों का हक मारने वाले लोगों को पनाह दी जा रही है। ऐसे तंत्र के खिलाफ संघ ने अब विरोध का मन बना लिया है।

संघ करेगा आंदोलन

दिव्यांग संघ ने 10 सूत्रीय मांगों से शासन-प्रशासन को अवगत कराते हुए 15 दिनों का समय दिया गया है। अगर इस बीच कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो 21 अगस्त को प्रदेशभर के दिव्यांग युवा एकजुट होकर तेलीबांधा मरीन ड्राइव से सीएम निवास तक पैदल मार्च करके ज्ञापन देंगे। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान किसी प्रकार की विषम परिस्थिति के लिए शासन-प्रशासन के लोग ही जिम्मेदार होंगे।

 

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