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बालोद में फर्जी नक्सली बनकर एसपी कार्यालय में सरेंडर करने पहुंचे तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया। सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए तीनों ने प्लान बनाया था।

राहुल भूतड़ा- बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में नकली नक्सली बनकर कुछ लोग आत्मसमर्पण करने एसपी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनो युवक अपने आप को मानपुर मोहला एरिया कमेटी का सक्रिय सदस्य बता कर कर रहे थे। फ़िलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

दरअसल तीन लोग नकली नक्सली बनकर आत्मसमर्पण करने के लिए एसपी कार्यालय पहुंचे थे। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तब पता चला की तीनों का नाम युवक मधु मोड़िया,मनकू भोगाम और ओमप्रकाश नेताम है। इस दौरान तीनों युवक फर्जी नक्सली निकले। तीनों ने सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए ये प्लानिंग की थी। पकड़े गए युवक बीजापुर जिले के रहने वाले हैं। सिटी कोतवाली तीनों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

करकनगुड़ा मुठभेड़ फर्जी

वहीं बस्तर में नक्सलियों ने एक बार फिर से मुठभेड़ को फर्जी बताया है। 23 सितंबर को चिंतलनार थाना क्षेत्रांतर्गत करकनगुड़ा इलाके में नक्सल बटालियन के कंपनी सदस्यों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। जवानों का नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान सामना हुआ, जहां इस मुठभेड़ में पुलिस के अधिकारियों ने दो नक्सलियों को मुठभेड़ में मारने और घटनास्थल से नक्सल सामग्री बरामद करने का दावा किया है। वहीं इस दावे के बाद नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिविजन के सचिव गंगा ने प्रेस नोट जारी कर इस पूरे घटनाक्रम को फर्जी बताया है। मारे गए लोगों को निर्दोष बताते हुए कहा है कि, पुलिस ने मछली पकड़ने गए हुए ग्रामीण को मारने का आरोप लगाया है।

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ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन 

घटना के बाद ग्रामीण इक्कठा होकर पूरे घटनाक्रम को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए शव के साथ चिंतलनार थाना क्षेत्र के कोत्तागुडा में एकजुट हुए हैं। ग्रामीणों ने नारेबाजी करने के साथ-साथ इस मुठभेड़ को फर्जी बताया है। नदी किनारे सोए हुए लोगों को को मारकर नक्सली बताने का आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों ने कहा कि, पुलिस जिसे घटना के बाद अपने साथ पकड़कर लाई है नक्सलियों ने उनका कोई संबंध नहीं है।

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