मयंक शर्मा-कोतबा। छत्तीसगढ़ के फरसाबहार विकासखंड के ग्राम पंचायत डुमरिया में प्री मैट्रिक छात्रावास अधीक्षक ने शराब पीकर खूब हुड़दंग बाजी की। उसने खाना खा रहे बच्चों को गंदी- गंदी गालियां देकर जमकर मारपीट की और रात के अंधेरे में छात्रावास से बाहर निकाल दिया। महज 10 से 12 साल के अध्यनरत बच्चें रात के अंधेरे में रोते हुये पैदल अपने-अपने घर चले गए। इस मामले को लेकर ग्रामीणों जमकर बवाल किया और अब जांच के बाद FIR दर्ज कर ली गई है।
ग्राम पंचायत डुमरिया में प्री मैट्रिक छात्रावास अधीक्षक ने शराब पीकर खूब हुड़दंग बाजी की। उसने खाना खा रहे बच्चों को गंदी- गंदी गालियां देकर जमकर मारपीट की और रात के अंधेरे में छात्रावास से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद कुछ बच्चों के अभिभावक और ग्रामीण एकत्रित हुये और उन्होंने खूब नाराजगी व्यक्त करते हुये कानूनी कार्यवाही के साथ ही ऐसा कृत्य करने वाले अधीक्षक के खिलाफ जमकर हंगामा मचाया। वहीं जब शराब सेवन करने की बात स्वीकार की इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात नहीं मानने पर बच्चों के पिटाई कर रात के अंधेरे में बाहर भगा देने की बात कही।
मौके पर पहुंचे मंडल संयोजक लालदेव भगत
मामले की जानकारी मिलते ही मंडल संयोजक लालदेव भगत घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से पंचनामा बनाकर शीर्ष अधिकारियों को भेज कर कार्यवाही करने की बात कही हैं। वही दूसरे दिन सहायक आयुक्त लापरवाह हास्टल अधीक्षक को निलबंन की कार्यवाही करते हुए विभगीय जांच शुरू कर दी है जिसमे घटना की पुष्टि होते ही अधीक्षक के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई जाएगी।
विभागीय पोल खोलती यह घटना
दरसअल, फरसाबहार विकासखंड से महज 10 किलोमीटर में संचालित यह छात्रावास में यह पहला मामला नही हैं। इसके पूर्व भी छात्रावास अधीक्षक नरसिंह मलार्ज ऐसी घटना कर चुके हैं। उसके बाद भी उन्हें पहाड़ो से घिरे छात्रावास में दायित्व दिया जाना विभागीय अधिकारियों की उदासीनता को उजागर करता हैं।
जंगली जानवरों से भरा पड़ा है रास्ता
लेकिन बिडंबना वाली बात तो यह है कि, जब रात को बच्चे खाना खा रहे थे। उस दौरान उनसे जमकर मारपीट के साथ रात के अंधेरे में बाहर निकाल देना।सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो स्थानीय बच्चें हैं। वो अपने घर निकल गये लेकिन जो बच्चें दूरदराज के रहने वाले हैं। वे अपने घरों तक पहुंचे की नही इसकी कोई जानकारी नही है। इन दिनों जंगली जानवर हाथी और सर्प से लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में वे बच्चे घर पहुचे या नही चिंता की विषय बना हुआ है।
अधिकारी बोले- जांच के बाद करवाई जाएगी FIR
सहायक आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग ने कहा कि, इस मामले की जानकारी हमें मीडिया के माध्यम से मिली है। जिसके बाद गंभीरता से त्वरित जांच की गई जिसमें प्रथम दृष्टया अधीक्षक जी लापरवाही पाई गई। जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बच्चों को मारना गंभीर आरोप है जांच में पुष्टि होते ही एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।