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बस्तर के कुछ पहुंचविहीन इलाकों में आवासीय हास्टल बांस की लकड़ियों से बनाए जाते हें। इन्हें स्थानीय भाषा में पोटा केबिन कहा जाता है।

गणेश मिश्रा-बीजापुर। बुधवार की देर रात बीजापुर जिले के एक गर्ल्स पोटा केबिन (बांस से बने आवासीय हास्टल) में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि, सो रही बच्चियों को भागने का समय तक नहीं मिल पाया और एक पांच साल की मासूम छात्रा की जलकर मौत हो गई। 

मिली जानकारी के मुताबिक, आवापल्ली में बांस की बंबुओं से बनाए गए विशेष तरह के आवासीय हास्टल  पोटाकेबिन में देर रात भीषण आग लग गई। इस आग की चपेट में आकर एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गयी। हालांकि बाकी सभी छात्राओं को तुरंत वहां से निकालकर कस्तूरबा गांधी आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया। तब तक पोटा केबिन पूरी तरह जलकर  खाक हो गया। इस हादसे में जिस 5 वर्षीय बच्ची की मौत हुई उसका नाम लिपाक्षी बताया जा रहा है, वह छात्रावास की छात्रा नहीं थी, बल्कि इस पोटा केबिन की छात्रा अपनी बुआ से मिलने आए थी। देर रात लगी इस आग को पोटाकेबिन के स्टाफ समेत स्थानीय ग्रामीणों के प्रयासों से काबू पाया जा सका। 

प्रशासनिक अमला पहुंचा, फारेंसिक की टीम भी मौके पर

आवापल्ली के कन्या पोटाकेबिन में आगजनी की घटना के बाद दल बल के साथ बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडे घटनास्थल पहुंचे। साथ ही जगदलपुर से फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पहुंच चुकी है। इधर कलेक्टर अनुराग पांडे ने कहा-लोगों की सूझबूझ के चलते एक बड़े हादसे को रोका जा सका। जिस बच्ची की मौत हो गई वह छात्रावास की छात्रा नहीं थी बल्कि दो दिन पहले ही अपनी बुआ से मिलने आए थी, जो छात्रवास की छात्रा है। जिसे आज उसके परिजन लेने आने वाले थे परंतु उसके पहले इस हादसे में उसकी मौत हो गई।

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