शेख हसन खान-मैनपुर। पानी में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा से गरियाबंद जिले के दर्जनों ग्रामों में बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस का शिकार हो रहे हैं। इसे कंट्रोल करने करने के 40 6 करोड़ से अधिक लिए 40 गांवों में की तो लगाए गए लेकिन कुछ महीने में ही कई प्लांट बंद हो गए, अब हाईकोर्ट ने इसे स्वसंज्ञान में लेकर जनहित याचिका मंजूर की है। साथ ही सचिव स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग को दो सप्ताह में व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड प्रभावित गांवो में हर साल दर्जनों स्कूली विद्यार्थियों को डेंटल फ्लोरोसिस होता है। फिलहाल, इन गांवों में 50 से 60 बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से ग्रसित मिल रहे हैं। वहीं देवभोग ब्लॉक के गांवों में कुल पीड़ितों की संख्या हजार से भी ज्यादा बताई गई है।
प्रभावित हर स्कूल में 50 से 60 बच्चे के दांत पीले
सालभर पहले पीएचई विभाग ने प्रभावित गांव के 51 सोर्स की जांच की थी। स्कूल सप्लाई सोर्स के अलावा इन गांव के सभी सोर्स का सैंपल लिया गया। पड़ताल में पता चला की हेवी फ्लोराइड वाले ग्राम नांगलदेही, पीठापारा, दरलीपारा, गोहरापदर, झाखरपारा, घूमगुड़ा, धुपकोट, मोखागुड़ा, निष्टिगुड़ा, सुकलीभाठ, मूर गुडा, खम्हारगुड़ा, माहुकोट, पूरनापानी, बरबहली, बाड़ी गांव, कर्चिया, धौराकोट, मूड़ागाव, मगररोडा जैसे प्रत्येक गांव में 50 से 60 बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से ग्रसित मिले। सभी की उम्र 6 से 10 साल की है।
कहीं ताला लटका तो किसी का बोर खराब
मगररोड़ा प्राथमिक मिडिल स्कूल की सप्लाई वाले प्लांट में ताला लटका था। अंदर कांटे भर दिए गए थे। धौराकोट, गाड़ाघाट, कुसकोना डुमरपीठा, चीचिया, माहुलकोट, मूंगीया के प्लांट से पम्प और अंदरूनी समान कंपनी के लोग निकाल ले गए। कांडपारा, नांगलदेही, पुरनापानी, धूपकोट जैसे 10 से ज्यादा स्कूलोंके सोलर प्लेट क्षतिग्रस्त मिले।