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खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस लिए बिना ही रायपुर जिले में ठेकेदारों ने अहाते खोल लिए हैं। इन अहातों का टेंडर मई में आबकारी विभाग द्वारा दिया गया था।

रायपुर। खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस लिए बिना ही रायपुर जिले में ठेकेदारों ने अहाते खोल लिए हैं। इन अहातों का टेंडर मई में आबकारी विभाग द्वारा दिया गया था। अहाता खोलने के लिए आबकारी के साथ खाद्य एवं औषधि विभाग का लाइसेंस लेना भी अनिवार्य है। ठेकेदारों ने अहाता खोलने के पूर्व आबकारी विभाग से लाइसेंस तो जारी करा लिए, लेकिन खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस लेना ही भूल गए हैं। तब से लेकर अब तक सभी अहाते खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस लिए बिना ही चलाए जा रहे हैं।

इधर इस मामले में आबकारी विभाग के अधिकारी का कहना है कि अहाता खोलने का लाइसेंस उनका विभाग देता है, लेकिन खान-पान की चीजों की विक्री संबंधी लाइसेंस खाद्य एवं औषधि विभाग जारी करता है। वहीं दूसरी ओर खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी का कहना है कि लाइसेंस जारी किए हैं या नहीं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। 

साढ़े चार महीने बीत चुके अहाता खुले हुए

रायपुर जिले में 56 अहातों के लिए अप्रैल में आबकारी विभाग ने टेंडर निकाला था। अहातों का ठेका 1 मई 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए दिया गया है। इस तरह ऊंची बोली के आधार पर ठेके पर दिए गए अहातों को खुले साढ़े चार माह से अधिक समय हो चुका है, लेकिन ठेकेदारों ने अहाता खोलने से पूर्व विभाग द्वारा जारी नियमों का पालन किया गया है या नहीं, इसकी जांच तक नहीं की गई है। यही कारण है कि इन साढ़े चार महीने में ठेकेदारों ने खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस तक जारी नहीं कराया है। 

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10 लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान

खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस जारी किए बिना अहाता में खान-पान की चीजें बेचने पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। विभागीय सूत्र के अनुसार बिना लाइसेंस के अहाता में खान-पान की चीजें बेचना खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत धारा 63 के तहत दंडनीय है। इसके तहत 10 लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान है। हालांकि पूर्व में जुर्माना 5 लाख रुपए और 6 माह तक राजा का प्रावधान था। अधिनियम में बाद में संशोधन किया गया था। इसके बाद सजा का प्रावधान हटाकर जुर्माना राशि दोगुना की गई है। 

इन नियमों का भी पालन नहीं

अहाता के लिए कवर्ड एरिया 150 वर्गफीट का होना चाहिए। एरिया छोटा होने पर तो ऊपरी तल मिलाकर अहाता खोला जाना है। अहाता परिसर फ्लोरिंगयुक्त होना चाहिए। अहाता का प्रवेश द्वार मुख्य मार्ग व आम रास्ता की ओर नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार का मुख्य द्वार का आकार 3.3बायी 6.6 होना चाहिए। पार्किंग, एग्जास्ट फेन, शौचालय, बिजली एवं साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। अहातों में इनमें से भी कई नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। 

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प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के पानी पाउच गिलास भी बिक रहे

कई अहातों में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के पानी पाउच और गिलास भी बिक रहा है। नगर निगम प्रशासन द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक थैली, पानी पाउच मिलास को लेकर लगातार अभियान चलाया जाता है। सब्जी, फल, पान ठेले सहित कई दुकानों में औचक निरीक्षण करके निगम की टीम द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त करते हुए जुर्माना भी लगाया है, लेकिन अहातों में खुलेआम बिक रहे सिंगल यूज प्लास्टिक के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इसकी जानकारी नहीं

खाद्य एवं औषधि विभाग के एफएसओ अहसान तिग्गा ने बताया कि, अहातों को लाइसेस जारी किया गया है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। इसका पता लगाता हूँ।

फूड का लाइसेंस हमारा विभाग नहीं देता

आबकारी विभाग रायपुर के उपायुक्त विकास गोस्वामी ने बताया कि, फूड का लाइसेस हमारा विभाग नहीं देता। खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है। अहाता के ठेकेदारों ने फूड का लाइसेंस लिया है या नहीं यह विभाग के अधिकारी ही बता पाएंगे। 

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