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वन मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक तोते तथा अन्य संरक्षित पक्षियों को कैद में रखना तथा खरीदी बिक्री करना वन्यजीव अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। 

रायपुर। घरों में तोता-मैना, लव बर्ड्स सहित कई संरक्षित प्रजातियों का पक्षी पालना आसान नहीं होगा। अरसे बाद वन विभाग ने घरों में इन पक्षियों को कैद रखने वालों को हफ्तेभर का अल्टीमेटम दिया है। इन पक्षियों को वन विभाग के सुपुर्द करने कहा है, अन्यथा केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही दुकानों में तोता बेचने वालों के खिलाफ वनबल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में राज्य के सभी वनमंडलों को पत्र जारी किया गया है। 

वन मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक तोते तथा अन्य संरक्षित पक्षियों को कैद में रखना तथा खरीदी बिक्री करना वन्यजीव अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें तीन साल तक सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है। वन मुख्यालय ने अपने घरों में तोता तथा संरक्षित पक्षी रखने वालों को सात दिन के भीतर अपने नजदीक वन कार्यालय के अधिकारी अथवा जू के अधिकारी से संपर्क कर उनके सुपुर्द करने का निर्देश जारी किया। ऐसा नहीं करने पर वन विभाग की उड़नदस्ता टीम द्वारा जिन घरों में तोता होंगे वहां जाकर जब्ती करने के साथ ही
कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। 

कानून पहले से, सख्ती अब

तोता मैना समेत संरक्षित प्रजाति की पक्षियों को कैद करने पर सजा का प्रावधान है। कानून पहले से बना हुआ है, पर कार्रवाई अब तक नहीं हो रही थी। यही वजह है कि शहर में खुलेआम पक्षियों की बिक्री होती रही है और लोग बिना रोक टोक इसे पालते भी रहे हैं।
 

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