रायपुर। छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों से निकलने वाले चावल में एक नया घोटाला निकलकर सामने आया है। जहां राशन दुकानों में सप्लाई होने वाले चावल की बोरियों से 5 किलो चोरी किया जा रहा है। यहां 50 किलो की एक बोरी में 45-46 किलो ही चावल निकल रहा है।
वहीं सभी बोरियों से चावल कम निकलने के कारण दुकानों संचालकों को स्टॉक कम पड़ने लगा है। तब उनका ध्यान इस ओर गया और शिकायत की गई। शिकायत के बाद इस पूरे मामले में जांच शुरू होने से नान अफसरों में भी खलबली मच गई है। एक असिस्टेंट फूड ऑफिसर को तो जांच नहीं करने के कारण हटा दिया गया है।
इन जिलों में शुरू हुई जांच
मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, बस्तर, कोंडागांव, जगदलपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कई जिलों में इसकी जांच भी शुरू हो गई है। इस मामले में रायपुर के राशन दुकानदारों का कहना है कि, कम वजन वाली बोरियां कई महीनों से भेजी जा रही है। जब इसकी शिकायत की जाती है तो नान के अफसर उन्हें धमकी देते हैं कि, जितनी बोरी भिजवाई गई है उसे चुपचाप रख लें। बोरियों का वजन कराने पर दुकान को निलंबित करवाने की भी चेतावनी दी जाती है। दुकानदारों का दावा है कि, इस काम में नान के स्थानीय अफसर शामिल हैं। उन्हीं की मिलीभगत से कम वजन वाली चावल की बोरियां दुकानों में भेजी जा रही हैं।
खाद्य मंत्री हर जिले से मंगवा रहे रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने जब नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला तो उनके पास सबसे पहली शिकायत पहुंची। उन्होंने इस मामले की जांच कराई तो पता चला कि, कई जिलों के खाद्य नियंत्रक भी इस मामले में शिकायती पत्र जारी कर चुके हैं। अब इन सभी चिट्ठियों की फिर से जांच की जा रही है। मंत्री यह जानकार भी हैरान हो गए कि, इस तरह की शिकायत रायपुर में कई महीनों से होने के बावजूद जिला खाद्य विभाग ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। दावा किया जा रहा है कि, इन्हीं शिकायतों के आधार पर रायपुर के सहायक जिला खाद्य अधिकारी का तबादला भी कर दिया गया है। उनके पास कम वजन वाली बोरियां सप्लाई का प्रमाण होने के बावजूद भी उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसलिए उनका तबादला कर दिया गया। फिलहाल इस मामले में खाद्य मंत्री हर जिले से रिपोर्ट मंगवा रहे हैं।
मंदिरहसौद डिपो से हो रहा खेल, दिल्ली की टीम भी कर चुकी है जांच
बोरियों में चावल का वजन कम करने के साथ ही खराब क्वालिटी वाला चावल भी राशन दुकानों में पहुंचाया जा रहा है। यह सारा खेल नान के मंदिरहसौद वाले डिपो से चल रहा है। इसी डिपो में 50 किलो की बोरी से चावल कम किया जा रहा है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसी चावल को बाद में राइस मिलरों को बेचा जा रहा है। कस्टम मिलिंग के बाद इसी चावल को राइस मिलर फिर से नान में जमा करवा देते हैं। इतना ही नहीं राइस मिलरों के पास मौजूद खराब क्वालिटी का चावल लेकर उन्हें अच्छी क्वालिटी का चावल देने का खेल भी खूब हो रहा है। केंद्र सरकार तक जब इसकी शिकायत पहुंची थी तो दिल्ली से एक टीम इसकी जांच के लिए भी आई थी। इसमें नान प्रबंधक की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई थी।
कई बोरियों में मिला चावल कम
बस्तर में नान गोदामों से चावल कम होने की शिकायत मिलने के बाद रायपुर से अफसरों की एक टीम जांच के लिए वहां भेजी गई थी। अफसरों ने वहां कई दुकानों की जांच की तो उन बोरियों में चावल कम मिला। अफसरों की यह टीम अब अपनी रिपोर्ट बनाकर खाद्य संचालनालय और नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष को सौंपेगी।