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वन विभाग के अफसरों ने अपने गार्डन को संवारने मार्निंग वॉक करने वालों से टैक्स वसूली करने नया फरमान जारी किया है।

रायपुर। लोगों को सेहतमंद रखने सरकार कई तरह के उपाय करती है, इसमें मार्निंग वॉक भी शामिल है। लोगों को मार्निंग वाक करने प्रेरित करने शहर के अलग-अलग इलाकों में गार्डन विकसित करने के साथ खेल मैदान बनाने सहित वॉकिंग ट्रैक विकसित करती है इसके विपरीत आर्थिक तंगी से जूझ रहे वन विभाग के अफसरों ने अपने गार्डन को संवारने मार्निंग वॉक करने वालों से टैक्स वसूली करने नया फरमान जारी किया है।

सीसीएफ कार्यालय रायपुर ने पिछले महीने 25 सितंबर को एक आदेश जारी किया है। जारी आदेश के मुताबिक ऊर्जा पार्क गार्डन (राजीव स्मृति वन) में मार्निंग वॉक करने वाले व्यक्तियों से शुल्क वसूलने अनुशंसा की गई है। इसके लिए नियमित मार्निंग वॉक करने जाने वालों से प्रति माह पांच सौ रुपए का पास बनवाने तथा बगैर पास के वॉक करने जाने वाले लोगों से प्रति दिन 20 रुपए के हिसाब से शुल्क लेने कहा गया है। मार्निंग वॉक करने वाले लोगों से शुल्क वसूली एक अक्टूबर से लागू करने कहा गया है।

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डीएफओ कार्यालय ने जारी किया दिशा-निर्देश

सीसीएफ कार्यालय के पत्र का हवाला देते हुए डीएफओ कार्यालय ने सात अक्टूबर को दिशा निर्देश जारी किया है। डीएफओ कार्यालय ने जो दिशा निर्देश जारी किया है, वह इस प्रकार है-

■ बगैर पास किसी भी व्यक्ति को गार्डन में प्रवेश प्रवेश नहीं दिया जाए
■ जिन्हें पास जारी किया गया है, उस व्यक्ति को मार्निंग वॉक के समय पास रखना अनिवार्य है
■ एक अक्टूबर से पास जारी करें, उसके बाद किसी को भी बिना पास प्रवेश न दें
■ आज से ही पास के संबंध में संबंधित व्यक्ति (जिनके द्वारा गार्डन में मार्निंग वॉक किया जाता है, से प्रचार प्रसार करें तथा प्रवेश द्वार पर उक्त संबंध में सूचना पत्र चस्पा करें।
■  यदि पासधारी व्यक्ति बिना पास दिखाए गार्डन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो उनसे भी प्रति व्यक्ति 20 रुपए शुल्क लेकर प्रवेश देवें।

रखरखाव से लेकर चपरासी का खर्च वहन नहीं हो रहा

गौरतलब है कि,  वन विभाग ने जो पूर्व में गार्डन विकसित किए हैं, उन उद्यानों के रखरखाव के लिए पर्याप्त राशि नहीं होने की वजह से जिन संस्थाओं से जमीन ली गई है, उन संस्थाओं को उद्यानों को सौंपने अनुसंसा की गई है। साथ ही विभाग ने अपने उद्यानों की सैर करने आने वाले लोगों से शुल्क वसूली करने अनुशंसा की है। उसी के परिणाम स्वरूप ऊर्जा पार्क में रखरखाव तथा देखरेख करने वाले चपरासी का खर्च वहन नहीं कर पाने की स्थिति में वन विभाग ने वहां सैर करने आने वाले लोगों से शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है।

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टाइमिंग को लेकर गड़बड़ी

सीसीएफ कार्यालय ने जो आदेश जारी किया है, उसके मुताबिक मार्निंग वॉक का टाइमिंग सुबह पांच से 11 बजे तक निर्धारित किया गया है, जबकी मार्निंग वॉक का समय सुबह पांच से नौ बजे तक होना चाहिए। सुबह दस बजे के बाद पिकनिक मनाने वाले तथा पर्यटक ऊर्जा पार्क की सैर करने जाते हैं। उनसे मनोरंजन शुल्क के रूप में एक निश्चित राशि ली जाती है।

गार्डन का नाम भी बदल दिया गया

दो दशक पूर्व विकसित किए गए ऊर्जा पार्क जिसे राजीव स्मृति वन के नाम से जाना जाता है, उस पार्क का नाम भी परिवर्तन कर दिया गया है। राजीव स्मृति वन में हर साल अखिल भारतीय स्तर पर वन शहीद दिवस का आयोजन किया जाता है। राजीव स्मृति वन का नाम अब शहीद स्मृति वन किए जाने की जानकारी मिली है।

सेंट्रल इंडिया का बेहतरीन अर्बन फॉरेस्ट

गौरतलब है कि राजीव स्मृति वन की पहचान सेंट्रल इंडिया का बेहतरीन अर्बन फॉरेस्ट के रूप में होती है। राजीव स्मृति वन में जैव विविधता की भरमार है। इस वन में हर वर्ष हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इस वन के रखरखाव के लिए हर वर्ष 25 से 30 लाख रुपए की आवश्यकता है। 

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