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डीजे संचालकों पर पुलिस के साथ जिला प्रशासन की खास नजर रहेगी। बिना अनुमति लिए और निर्धारित साउंड से ज्यादा आवाज करने वाले डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

रायपुर। गणेश उत्सव के दौरान इस बार डीजे संचालकों पर पुलिस के साथ जिला प्रशासन की खास नजर रहेगी। बिना अनुमति लिए और निर्धारित साउंड से ज्यादा आवाज करने वाले डीजे संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई सिर्फ स्पॉट पर नियम तोड़ते पकड़े जाने पर नहीं, बल्कि दूसरे दिन उसका लाइव बनाया गया विडियो या खींची गई फोटो के आधार पर भी की जाएगी। प्रशासन की इस सख्त निर्देश के बाद गणेश उत्सव के दौरान डीजे संचालकों को भी कार्रवाई से बचने के लिए अब नियमों का पालन करते हुए डीजे बजाना होगा।

गणेश उत्सव के लिए डीजे संचालकों को डीजे बजाने की अनुमति देने से पहले बुधवार को अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल ने डीजे संचालकों के साथ बैठक की। इसमें पुलिस के अधिकारी भी उपस्थित रहे। उन्होंने बैठक में डीजे संचालकों से कहा कि गणेश उत्सव के दौरान निर्धारित 55 डेसिबल से ज्यादा तेज आवाज में डीजे बजाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नियमों के तहत डीजे बजाने की शर्त का पालन करने वाले संचालक को ही अनुमति दी जाएगी। इस अनुमति के बाद भी अगर नियम का उल्लंघन करता संचालक पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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55 डेसिबल से अधिक आवाज

 शहर में तीज-त्योहारों, रैली, समारोह में बजने वाले डीजे की आवाज 55 डेसिबल से ज्यादा ही रहती है, जबकि गाइड लाइन में किसी भी साउंड सिस्टम की आवाज 55 डेसिबल से कम होना चाहिए। प्रशासन भी ऐसे ही साउंड सिस्टम को अनुमति देता है, जिसकी आवाज 55 डेसिबल से कम है। ऐसे में 55 से अधिक डेसिबल के सभी साउंड सिस्टम प्रतिबंधित है। 

दूसरी बार पकड़े जाने पर होगी सामग्री राजसात 

प्रशासन ने इस बार डीजे संचालकों को यह भी हिदायत दी है कि अगर किसी संचालक का डीजे दूसरी बार नियम के विरुद्ध बजाते पकड़ा जाता है, तो उसकी सामग्री राजसात की जाएगी।

प्रशासन निभाना नहीं चाहता सामाजिक जिम्मेदारी 

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि ,गाइड लाइन के अनुसार सड़क किनारे पंडाल और डीजे प्रतिबंधित है। इसके बाद भी शहर में जगह-जगह सड़क पर पंडाल लगते है और डीजे बजाए जाते हैं। डीजे पर हाईकोर्ट के भी स्पष्ट निर्देश है, बावजूद प्रशासन ने सामाजिक जिम्मेदारी से आंख मूंद ली है।

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कलेक्टर-एसएसपी से हो चुकी है शिकायत, हाईकोर्ट के निर्देश भी

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा डीजे संचालकों द्वारा नियमों को ताक में रखकर डीजे बजाने के मामले में पूर्व में कई बार जिला कलेक्टर और एसएसपी से शिकायत कर चुका है। यहीं नहीं इस मामले समिति ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी। इस मामले में कोर्ट ने शासन और जिला प्रशासन को डीजे पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद रायपुर में भी डीजे संचालकों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी।

प्रतिबंधित होने के बावजूद बजेंगे डीजे

डीजे साउंड सिस्टम की आवाज 55 डेसिबल से ज्यादा ही रहती है। नियम के अनुसार यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके शहर में जगह-जगह डीजे बजते रहते हैं।

गाड़ी का स्वरूप बदलकर डीजे लगाने पर भी होगी कार्रवाई

विभिन्न त्योहारों में देखा जाता है कि डीजे संचालक बड़ी गाड़ी या फिर गाड़ी का स्वरूप बदलकर उसमें डीजे लगाते हैं। इस बार प्रशासन इसे लेकर भी सख्ती बरतेगा। बड़ी गाड़ी या फिर गाड़ी का स्वरूप बदलने वाले डीजे संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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इधर, तीन डीजे जब्त

बिना अनुमति डीजे बजाते पाए जाने पर मरीन ड्राइव के समीप तीन गाड़ियों को तेलीबांधा पुलिस ने जब्त कर लिया है। बोलेरो क्रमांक सीजी 24 टी-1335, आयशर सीजी 24 टी 5595, ट्रक सीजी 04 एचसी 3582 पर कार्यवाही के दौरान एसडीएम, तहसीलदार और थाना बल मौजूद थे।

गाइड लाइन के अनुसार सख्त कार्रवाई करेंगे

रायपुर एडीएम देवेंद्र पटेल ने बताया कि, गाइड लाइन का पालन नहीं करने वाले डीजे संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। प्रशासन 55 डेसिबल से कम साउंड सिस्टम बजाने की अनुमति देता है। इससे ज्यादा आवाज वाला साउंड सिस्टम प्रतिबंधित है। इसकी अनुमति नहीं दी जाती है।

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