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डोंगरगढ़ पुलिस ने एक चोर गिरोह को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया है। इस गिरो ने क्षेत्र के कई गांवों के साथ ही शहर में चारियां की थीं।

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। धर्मनगरी डोंगरगढ़ और आसपास हुई चोरियों का खुलासा अब पुलिस करने लगी है। ताजा मामला ग्राम कलकसा और शहर के इंदिरा नगर में पिछले दिनों हुई चोरी की घटनाओं से जुड़ा है, जिसमें डोंगरगढ़ पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने पूरे मामले में अंतर्राज्यीय चोर गिरोह के मास्टर माइंड और उसके सहयोगी को नागपुर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। 

डोंगरगढ़ थाना प्रभारी सीआर चंद्रा ने बताया कि, पकड़े गए चोर गिरोह के मास्टर माइंड गोपाल देवांगन उर्फ चोरु उर्फ डिस्कवर और उसके सहयोगी विक्की सोलंकी ने पूछताछ में यह बताया है कि, डोंगरगढ़ पुलिस थाना में इन दो चोरियों के साथ ही इस गिरोह ने मोहारा, तुमडीबोड़, सुकुल दैहान, ठेलकाडीह के साथ ही आमगांव तिरोडा महाराष्ट्र में भी चोरी करने की बात कबूली है। जिसकी लागत लगभग 40 लाख रुपए है। वहीं पूरे मामले में पुलिस गोपाल की पत्नी लिल्ली की तलाश कर रही है, जिसके पास से चोरी का माल बड़े पैमाने पर बरामद होने की संभावना जताई जा रही है।

नाबालिग बना चोर, दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने के लिए किया चोरी

वहीं कुछ दिन पहले ही डोंगरगढ़ पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली हैं। पीड़िता ममता इंदुरकर के घर से डेढ़ लाख के सोने - चांदी के गहने चोरी करने वाले एक नाबलिग सहित उसके साथी चोर रौनक राजपूत को गिरफ्तार किया है। मामला शहर के भीमनगर का है। दरअसल, कुछ दिन पहले ही पीड़िता ममता इंदुरकर अपने परिवार के साथ अपने परिचित के यहां गई हुई थी। इस दौरान अज्ञात चोरों ने सुने मकान का फायदा उठाकर मकान पर धका बोला दिया। घर में रखे डेढ़ लाख के सोने - चांदी के जेवर ले उड़े। जब पीड़िता अपने घर आई लौटी तो देख कि, आलमारी का ताला  टूटा हुआ था । इसके बाद पीड़िता ने अज्ञात चोरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई कर एक नाबालिग सहित उसके साथी चोर रौनक राजपूत को गिरफ्तार किया है। 

चोरी के गहने मन्नापुरम में रख दिया गिरवी

आरोपियों के कब्जे से चोरी के सोने - चांदी के गहने बरामद कर लिया हैं और उसने उसने पूछताछ करने पर बताया कि, दोस्तों के साथ मौज-मस्ती के लिए चोरी की घटना को अंजाम दिया था। चोरी किए गहनों को मन्नापुरम गोल्ड लोन गिरवी रखी थी। वहीं कुछ गहनों को आदर्श ज्वैलर्स में बेचा दिया था। इस प्रतिष्ठान का नाम चोरी का सामान खरीदने में दूसरी बार आया है, लेकिन पुलिस का दोनों प्रकरणों से इन्हें दूर रखना अपने आप में संदेहों को जन्म देता है।

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