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समितियों को सरकार से मिलने वाला फंड अटकने से इंतजार की नौबत आ गई है। समितियों ने बताया कि गोधन न्याय का भुगतान करने बनाई गई वेबसाइट भी बंद हो गई है।

रायपुर। सरकार बदलते ही गोधन न्याय योजना के तहत होने वाली गोबर खरीदी बंद कर दी गई है। आदेश मिलते ही निगम के अफसरों ने इसकी जानकारी सभी समितियों को दे दी है। 2 दिसंबर से ही मवेशी पालकों से की जाने वाली गोबर खरीदी पर रोक लगने के बाद नई समस्या भी शुरू हो गई है। समितियों को सरकार से मिलने वाला फंड अटकने से इंतजार की नौबत आ गई है। समितियों ने बताया कि गोधन न्याय का भुगतान करने बनाई गई वेबसाइट भी बंद हो गई है। 

क्यूआर गायब होने से रुका भुगतान

रायपुर निगम सीमा के अलग-अलग जोन क्षेत्र में गोबर खरीदी के लिए 5 साल पहले बनाई गई व्यवस्था ठप हो गई है। इससे गोबर से खाद, पेंट, दिए बनाने वाली स्व-सहायता समूह की महिलाओं के सामने नई चुनौती है। हर महीने होने वाली लाखों की कमाई बंद होने के साथ ही अब उन्हें व्यवसाय को जिंदा रखने के लिए खुद फंड खर्च करना पड़ेगा, क्योंकि नई सरकार ने पुरानी व्यवस्था ही नहीं योजना को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

समितियां ही खरीद रहीं गोबर

गोठान में बनाये गए केन्द्रो में मवेशी पालकों से गोबर खरीदने वाली महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं में इससे जुड़े कई तरह के काम शुरू किए है। इसे बिना गोबर के आगे चलाना संभव नहीं है। इसको देखते हुए कई समितियों ने मवेशी फालकों से खरीदी जारी रखी है। गोपलकों को समितियों ही मुगतान करेगी। वहीं जिन समितियों से कम महिलाएं जुड़ी हैं, बचे हुए गोबर से खाद बनाने में जुटी है। इसे चलाने के बाद शासन से रुका मुगतान मिलने के बाद विर्णय लेने वाली है कि आगे वे इस काम को करेगी या फिर बंद करेंगी।

पहल केस 

जरवाय में गोबर खरीदी करने वाली गोवर्धन महिला क्षेत्र स्तरीय संघ की आध्यक्ष धनेश्वरी रात्रे ने बताया कि केन्द्र में निलम के आदेश पर मवेली पालक कम ही आते हैं। हमें निगम के अफसरों ने बताया कि अब लेबर खरीदी नहीं होगी, क्योंकि गोधन व्याय योजना बंद होतो के साथ क्यूआर कोड भी खास हो गया है। अभी तक करीच 4 लाख का मुगतान अटका है, जो खाते में डाला जान है।

दूसरा केस 

अमलीडीह में बनार गार गोबर खरीदी केन्द्र की प्रमुख प्रतिमा नंद सागर ने बताया कि वंदना महिला स्वसहायत समिति द्वारा पंजीकृत मवेशी पालकों से गोबर खरीदी के बाद उसकी जानकारी गोधन न्याय के लिए बनाई गई वेबसाइट पर दी जाती थी। इसके बाद समिति को शासन से भुगतान मिलता था। अभी 5 लाख से ज्यादा भुगतान रुका हुआ है। इससे पहले हर महीने समय पर राशि खाते में ट्रांसफर की जाती थी, अब इंतजार की स्थिति बन गई है।

तीसरा केस

गोकुल नगर स्थित गोठान में गोबर खरीदी के लिए कान्हा महिला स्वसहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई थी। समिति को अध्यक्ष सीमा सिंह ने बताया कि 2 दिसंबर से ही पंजीकृत मवेशी पालकों से गोबर खरीदी निगम के आदेश पर बंद की गई है। अने हम लोग रोजी रोटी के लिए खुद गोबर खरीदी करते हैं। समिति को शासन से मिलने वाला 2 लाख 50 हजार का भुगतान रुका है।

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