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टॉपर्स कांड में हरिभूमि के खुलासे के बाद जिस तरह परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं उससे भी सरकार बेहद नाराज है। 

रायपुर। उल्लेखनीय है कि बगैर परीक्षा दिलाए छात्रों के टॉप करने और एक ही छात्र की उत्तरपुस्तिकाओं में भिन्न-भिन्न हेंडराइटिंग होने संबंधित खुलासे के बाद स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। पूरे मामले को लेकर सोमवार दोपहर मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई। बैठक में शिक्षा विभाग और संस्कृत बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए। शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। वहीं रायगढ़ जिला शिक्षा अधिकारी ने दीपांशु संस्कृत स्कूल पहुंचकर जांच शुरू की है। दीपांशु संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औरदा सहित जिन केंद्रों की उत्तरपुस्तिकाओं में गड़बड़ी पाई जाएगी, उन पर भी गाज गिर सकती है। 

शिक्षा सचिव ने अधिकारियों को जल्द से जल्द पूरे मामले की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने कहा गया है। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा रविवार को ही मेरिट लिस्ट निरस्त किए जाने संबंधित घोषणा की जा चुकी है। स्कूल में पेपर रखे जाते थे. नियमानुसार उन्हें थाने में रखा जाना था। छात्र संगठनों को इसकी खबर मिल गई थी बाकायदा शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। तीन माह पहले फरवरी में जब संस्कृत मंडलम के दसवीं बोर्ड के प्रश्न पत्र सरकारी सुरक्षा में ना रखकर सीधे स्कूल संचालक की निगरानी में देने के मामले में एसडीएम से शिकायत की गई थी लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।

तलब होंगे अधिकारी

सूत्रों के अनुसार, स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, वहां के प्राचार्य से भी पूछताछ होगी। सरकार इस पर विचार कर रही है कि संस्कृत बोर्ड के परीक्षा संबंधी कार्य माध्यमिक शिक्षा मंडल को सौंप दिए जाएं। साथ ही इस कांड में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी संभावना है।

शासन भी एक्शन मोड में

सिस्टम को खराब करने की कोशिश

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि, जो सिस्टम को खराब करने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम जांच करवाएंगे। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

करेंगे कार्रवाई

कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि,पूरे मामले में जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी।

कठोरता से हो जांच 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने बताया कि, बगैर परीक्षा दिलाए किसी छात्र का टॉप करना गंभीर मामला है। अलग- अलग विषयों में अलग हैंडराइटिंग मिलना भी संगीन है। इस मामले की कठोरता से जांच होनी चाहिए। 

दीपांशु स्कूल में ताला प्राचार्य अंडरग्राउंड डीईओ पहुंचे औरदा 

रायगढ़। खरसिया के औरदा में संचालित दीपांशु संस्कृत विद्यालय में दसवीं बोर्ड के रिजल्ट में हुए गड़बड़झाले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग की चूलें हिल गई हैं। वहीं विद्यालय के प्राचार्य दिनेश खूंटे भूमिगत हो गए हैं। हरिभूमि की खबर पर पूरे प्रदेश में मचे हंगामे के बाद सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी बी बाखला औरदा पहुंचे और छानबीन की। लेकिन दिपांशु संस्कृत विद्यालय में ताला मिला। वहीं हरिभूमि के खुलासे के बाद परतें खुल रही हैं। परीक्षा के दौरान दीपांशु संस्कृत स्कूल में पेपर रखे जाते थे. नियमानुसार उन्हें थाने में रखा जाना था। छात्र संगठनों को इसकी खबर मिल गई थी बाकायदा शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। तीन माह पहले फरवरी में जब संस्कृत मंडलम के दसवीं बोर्ड के प्रश्न पत्र सरकारी सुरक्षा में ना रखकर सीधे स्कूल संचालक की निगरानी में देने के मामले में एसडीएम से शिकायत की गई थी लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।

अफसर स्कूल पहुंचे लेकिन मिला ताला

प्रदेशभर में मचे हंगामे के बाद जिला शिक्षा अधिकारी औरदा पहुंचे। वहां जांच की जानी थी लेकिन स्कूल में ताला मिला अफसरों के अनुसार प्राचार्य से भी संपर्क  करने का प्रयास किया गया लेकिन हुआ नहीं। उनका फोन बंद है और वे अंडरग्राउंड हो गए हैं।


 

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