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नई उल्लास योजना को केन्द्र स्तर पर लागू किया गया है। इस पूरी योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन होना है। 

विकास चौबे - बिलासपुर।  शत प्रतिशत साक्षरता दर के लिए पिछले दो दशकों से प्रयास जारी हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही है क्योंकि सरकारी योजनाएं सरकारी तौर पर ही बनतीं हैं और उसे लागू किया जाता है। अभी नया मामला ही देख लीजिए। केन्द्र और राज्य ने मिलकर नई उल्लास योजना लागू की है। यह योजना खास तौर पर 15 या उससे अधिक उम्र वाले लोगों के लिए है, जो स्कूल बीच में छोड़ चुके हैं या स्कूल जाने में असमर्थ हैं। इन्हें अक्षर ज्ञान तक नहीं है।  सबसे बड़ी बात कि योजना के तहत ऑनलाइन क्लास लगाकर और ऑनलाइन स्टडी मटेरियल देकर इन्हें साक्षर करने की प्लानिंग है। सवाल यही है जिन्हें अक्षर ज्ञान नहीं, पढ़ना तक नहीं आता वे कैसे मोबाइल, लैपटाप या दूसरे माध्यमों से आनलाइन पढाई करेंगे। 

यही नहीं इनको पढ़ाने के लिए 10 वीं 12 वीं के बच्चों को नियुक्त किया जा रहा है और उन्हें 10 अंक बोनस दिया जाएगा। इन्हें वोकेशनल ट्रेनर के तौर पर जाना जाएगा। देश में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अपनी पढाई पूरी न कर पाने की वजह से मजदूरी, कुली, ड्राइवर और भी ऐसे काम कर रहे हैं जिनमे बहुत मेहनत करनी पड़ती है और जिनमे जॉब की कोई गारंटी नहीं होती, इन सभी कामो में अधिक मेहनत तथा कम वेतन मिलता है। अब नई उल्लास योजना लागू करने के साथ नया दावा है कि 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अधूरी पढ़ाई पूरी करने और साक्षरता हासिल कर सकेंगे।

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योजना लागू करने में होगी मुश्किल

खास बात है कि,  इस पूरी योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन होना है। बिलासपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी जेके पाटले के मुताबिक इसके लिए कुछ भी बजट नहीं मिला है। इससे और परेशानी हो रही है। उनके मुताबिक डिजिटल मोड्स जैसे टी.वी, रेडियो, मोबाइल और ओपन सोर्स आधारित पोर्टल के माध्यम से पढ़ाने की योजना है। पढ़ाई के लिए किताबें और स्टडी मटेरियल भी आनलाइन ही मिलेगा। अधिकारियों ने यह भी माना है कि इसमें बड़ी परेशानी होनी है।

उल्लास योजना में दावा

अधिकारियों के मुताबिक उल्लास योजना का उद्देश्य मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक से कही अधिक है। आवश्यक कौशल जैसे वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, शिक्षा, परिवार कल्याण, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा (प्रारंभिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा) प्रदान कराना और सतत शिक्षा कला, विज्ञान, संस्कृति, खेल, और मनोरंजन में समग्र वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रमों को शामिल करना है।

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परीक्षा के समय कैसे पढ़ाएंगे बोर्ड परीक्षार्थी

इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ को 10 लाख और बिलासपुर जिले को 30 हजार लोगों को साक्षर करने की योजना है। इन्हें पढ़ाने के लिए 10 वीं 12 वीं के परीक्षार्थियों की तलाश की जा रही है। इसके लिए उन्हें 10 अंक बोनस के दिए जाएंगे। इसके लिए जिले में 300 बच्चों को तैयार भी कर लिया गया है। इसमें भी लेकिन  परेशानी यह है कि साक्षर भारत के तहत क्लासेस और परीक्षाएं मार्च में होनी हैं। उसी समय बोर्ड की महत्वपूर्ण परीक्षाएं भी चलती हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षार्थी दोनों तरफ फंस सकते हैं।

■ आखिर इस तरह कैसे होगी पढ़ाई और परीक्षा 
■ केन्द्र सरकार द्वारा उल्लास एप्प शिक्षा लांच की गई है। इस एप्लीकेशन पर रजिस्टर करना होगा
■ सभी पढ़ने वालों को सामग्री और संसाधन डिजिटल रूप से प्रदान किए जाएंगे
■ शिक्षार्थी सिस्टम में लॉग इन करेंगे, इसके बाद ही उन्हें आनलाइन अध्ययन सामग्री मिलेगी

अभी आवंटन नहीं मिला मैटेरियल ऑनलाइन देंगे

साक्षर भारत जेके पाटले कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि, इस उल्लास योजना को केन्द्र स्तर पर लागू किया गया है। इस पूरी योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन होना है। इसके लिए किसी प्रकार का आबंटन भी नहीं मिला है। डिजिटल मोड्स जैसे टी.वी, रेडियो, मोबाइल और ओपन सोर्स आधारित पोर्टल के माध्यम से पढ़ाने की योजना है। पढ़ाई के लिए किताबें और स्टडी मटेरियल भी ऑनलाइन ही मिलेगा।

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