रायपुर। राजधानी से सटे महासमुंद और बलौदाबाजार वनमंडल में पिछले एक माह से किसी दूसरे राज्य से आकर विचरण कर रहे बाघ के कथित तौर पर वायरल हो रहे वीडियो ने वन अफसरों को हलाकान कर दिया है। वायरल हो रहे वीडियो से बाघ की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जबकि वन विभाग के अफसर बाघ के विचरण क्षेत्र में सामान्य लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाने का दावा कर रहे हैं। बावजूद इसके बाघ के वायरल वीडियो से वन अफसर हलाकान तथा परेशान हैं।
गौरतलब है सात मार्च को महासमुंद वनमंडल में विचरण करते हुए दिखा बाघ 14 मार्च को बलौदाबाजार वनमंडल में पहुंच गया है। बाघ वर्तमान में बलौदाबाजार वनमंडल के वन विकास निगम के क्षेत्र में विचरण कर रहा है। शनिवार को कथित तौर पर वायरल वीडियो को बलौदाबाजार वनमंडल में विचरण कर रहे बाघ का बताया गया। इसके बाद वन अफसर वायकल वीडियो की पुष्टि करने में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्व में ट्रैप कैमरे में कैद बाघ के फोटो तथा वायरल वीडियो में बाघ के धारियों का मिलान किया गया, तो धारियों का 80 से 90 प्रतिशत मिलान होने की बात सामने आई है। इस संबंध में वन अफसरों ने किसी तरह से अधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
वीडियो वायरल होने के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई
अज्ञात लोगों द्वारा बाघ का वीडियो वायरल करने के बाद बाघ की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बलौदाबाजार वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल के मुताबिक बाघ की सुरक्षा के लिए सात टीमें बनाई गई है। साथ ही बाघ विचरण क्षेत्र में लोगों की आवाजाही रोकने अस्थायी चौकियां बनाई गई हैं।
होली में जंगल जाने से रोका गया
होली में जंगली सुअर, चीतल तथा हिरण का शिकार करने वाले सक्रिय हो जाते हैं। इसके कारण बाघ की सुरक्षा खतरे में आ सकती थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए बलौदाबाजार तथा महासमुंद वनमंडल के फील्ड में काम करने वाले वनकर्मियों के साथ अफसरों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई और होली के दो दिन पहले लोगों के बारनवापारा वनक्षेत्र के अंदर आवाजाही करने पर रोक लगा दी गई।
एनजीओ का एंटी स्नेयर ऑपरेशन
क्षेत्र में लोग बाघ को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएं, इसके लिए बलौदाबाजार वनमंडल में नेवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी तथा महासमुंद वनमंडल में वसुंधरा सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की मदद ली जा रही है। दोनों एनजीओ वनकर्मियों के साथ मिलकर जनजागरूकता अभियान चलाने के साथ एंटी स्नेयर ऑपरेशन चला रहे हैं।
प्रे-बेस मिलने से राहत
पड़ोसी राज्य से भटक कर आए बाघ ने महासमुंद वनमंडल में दो पालतू मवेशियों का अब तक शिकार किया है। इसके बाद से बाघ द्वारा अब तक किसी अन्य पालतू मवेशी के शिकार करने की जानकारी नहीं मिली है। वन अफसरों के मुताबिक बाघ जिस क्षेत्र में विचरण कर रहा है, उसकी पूरी जानकारी उनके पास है। बाघ जिस क्षेत्र में विचरण कर रहा है, उस क्षेत्र में प्रे-बेस बेहतर होने की वजह से बाघ को पेट भरने शिकार के लिए पर्याप्त संख्या में वन्यजीव मिल रहे हैं। बाघ के पेट भरने बेहतर प्रे-बेस मिलने से वन अफसर राहत की सांस ले रहे हैं।
दो दर्जन से ज्यादा स्थानों में जाल, फंदे की जब्ती
जानकारी के मुताबिक, एंटी स्नेयर ऑपरेशन के दौरान महासमुंद तथा बलौदाबाजार वनमंडल क्षेत्र में वनकर्मियों तथा एनजीओ की टीम ने दो दर्जन से ज्यादा स्थानों पर वन्यजीवों के शिकार के लिए बिछाए गए तार के साथ जाल जब्त करने की कार्रवाई की है। वन अफसरों के मुताबिक बाघ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एंटी स्नेयर ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा।