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युद्ध सेवा मेडल प्राप्त करने वाले प्रथम चिकित्सक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने एम्स के कार्यपालक निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है।

रायपुर। सियाचीन में 19 हजार फीट की ऊंचाई पर पाकिस्तान के हमले में घायल सैनिकों के विशिष्ट चिकित्सा सेवा प्रबंधन के लिए युद्ध सेवा मेडल प्राप्त करने वाले प्रथम चिकित्सक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने एम्स के कार्यपालक निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है। चार्ज लेते ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने हरसंभव प्रयास करने पर जोर दिया है।लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल की नियुक्ति का आदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 फरवरी को जारी किया था। उन्होंने सोमवार 19 फरवरी को बतौर कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ कार्यभार ग्रहण कर लिया। लेफ्टिनेंट श्री जिंदल दिल्ली आर्मी हॉस्पिटल के पूर्व निदेशक और कमांडेंट भी रहे हैं।

आर्ल्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज पुणे से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कम्युनिटी मेडिसिन में एमडी और इंडस्ट्रयल हेल्थ में डिप्लोमा कर जेएनयू से पीएचडी किया है। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल बीडी वर्मा सिल्वर मेडल, बेस्ट पेपर के लिए आर्मी कमांडर्स अवार्ड और सरोज झा अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।उनके 30 से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं और यूनिसेफ द्वारा महाराष्ट्र में एचआईवी/एड्स पर बनाई गई टास्क फोर्स का सदस्य भी नामित किया गया है। श्री जिंदल डब्ल्यूएचओ फैलोशिप के एंटोमालॉजी, रिसर्च मैथ्डोलॉजी और एपिडिमियोलॉजी के शिक्षक भी हैं। वह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित 'स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइंडलाइंस-मेडिकल मैनेजमेंट एंड कॉस्टिंग ऑफ सलेक्ट कंडीशन्स' तथा 'मैन्युअल ऑफ हैल्थ ऑफ द आर्ल्ड फोर्सेज' के संपादक भी हैं।

भारतीय सेना में 39 साल का कॅरियर

लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल एमसी, पुणे और आर्मी कॉलेज ऑफ ऑफ मेडिकल साइंसेंज दिल्ली में प्रोफेसर भी रहे हैं। उन्होंने कंबोडिया में यूएन के अंतर्गत भी सेवाएं प्रदान कीं। 2022 में कश्मीर और लद्दाख में कोविड-19 के दौरान चिकित्सा संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए उन्हें 'अति विशिष्ट सेवा मेडल' भी दिया गया। इसके अलावा दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में लीवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम, अर्ली इंटरवेंशन सेंटर फॉर स्पेशल चिल्ड्रन के लिए सेंटर बनाने और अत्याधुनिक एक्सीडेंट तथा इमरजेंसी में अपना विशेष योगदान दिया है। 2024 में उन्हें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा उत्कृष्ट सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।

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