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प्रदेश में ही इस बार 50 लाख से ज्यादा तिरंगों की जरूरत है। भाजपा ने बूथों में बांटने के लिए सूरत, हैदराबाद नागपुर और दुर्ग से 12 लाख तिरंगे खरीदे हैं।  

रायपुर। भाजपा के हर घर तिरंगा अभियान के कारण देशभर में तिरंगों की डिमांड इतनी ज्यादा हो गई है कि एक तो इसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है, साथ ही इसकी कीमत भी अब डबल हो गई है। अपने प्रदेश में ही इस बार 50 लाख से ज्यादा तिरंगों की जरूरत है। सूरत से पहले जो 20 बाई 30 वाला तिरंगा 9 रुपए में आता था, अब 18 रुपए में आ रहा है। यहां पर यह थोक में 20 रुपए में बिक रहा है। पहले यह 11 नेता भी 5 से 20 हजार तक तिरंगे खरीदकर बांट रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव में 2022 में हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा की थी। तब से भाजपा हर साल 15 अगस्त से पहले हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। इसके लिए भारी संख्या में तिरंगों की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर देशभर में ज्यादातर तिरंगों की सप्लाई सूरत से होती है।

 तिरंगे बनाने वाले पहले से इसका स्टॉक बनाकर नहीं रखते, क्योंकि तिरंगों की जरूरत हर समय नहीं होती। 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही तिरंगे बिकते हैं। हर घर तिरंगा अभियान से पहले तिरंगे बहुत कम संख्या में बिकते थे, लेकिन अब तो हर राज्य में लाखों की संख्या में तिरंगों की जरूरत 15 अगस्त से पहले पड़ रही है। इसके लिए पहले से ऑर्डर देने पर ही तिरंगों की सप्लाई होती है। विधायक, सांसद भी खरीद रहे हर घर तिरंगा अभियान के लिए प्रदेश संगठन ने तो बूथों के लिए तिरंगे देने का काम किया है, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं और घरों के लिए तिरंगे देने का काम प्रदेश के सांसद, विधायक, पार्षद, प्रदेश और जिलों के भाजपा नेता भी कर रहे हैं। सांसद, विधायक पांच से लेकर 20 हजार तक तिरंगे अपने क्षेत्रों में बांट रहे हैं, ताकि हर घर में तिरंगा लगाया जा सके नेता भी अपनी क्षमता के मुताबिक पांच सौ, हजार, दो हजार तक तिरंगे खरीदकर बांट रहे हैं।

भाजपा को लाखों तिरंगों की जरूरत

भाजपा को हर घर तिरंगा अभियान के लिए ही सबसे ज्यादा लाखों तिरंगों की जरूरत है। भाजपा का प्रदेश संगठन ही 12 लाख से ज्यादा तिरंगे बूथों में भेज रहा है। इसके लिए भाजपा ने सूरत, हैदराबाद, नागपुर और दुर्ग से तिरंगे खरीदे हैं। अभियान के संयोजक संजय श्रीवास्तव ने बताया, इन स्थानों से जैसे-जैसे तिरंगे आ रहे हैं, उनको भाजपा कार्यालय से जिलों में भेजने का काम हो रहा है। सरगुजा, बस्तर, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर संभाग के सभी जिलों के लिए लाखों तिरंगे भेजे जा चुके हैं। अभी दो-तीन दिनों तक तिरंगे लगातार भेजे जाएंगे। शनिवार तक पांच लाख से ज्यादा तिरंगे पहुंच गए हैं। इनको भेज भी दिया गया है। तिरंगों में डंडा भी लगाकर दिया जा रहा है।

कीमत डबल

रायपुर के थोक कारोबारी महेंद्र कोचर ने बताया कि, सूरत से आने वाला तिरंगा पहले 9 रुपए में आता था, वह अब 18 रुपए में आ रहा है। इसको यहां पर थोक में 20 रुपए में बेच रहे हैं। चिल्हर में यह 22 से 25 रुपए में बिक रहा है। हमारी दुकान से इस बार तीन लाख तिरंगे बेचे गए हैं। पहले 15 अगस्त में 10 हजार से ज्यादा नहीं बिकते थे।

 

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