■ कार्यक्रम के पहले काटे गए 18 के नाम, फिर मंडप से हो गए गायब
■ प्रमाण पत्रों पर फिलहाल रोक लगाई गई, जांच के बाद कुरियर से भेजेंगे
दुर्ग । आस्था बहुद्देशीय कल्याण संस्थान के सामूहिक विवाह में हरिभूमि की खबर पर मुहर लग गई। संस्थान ने हरिभूमि में खबर प्रकाशित होने के बाद 18 जोड़ों को रिजेक्ट कर दिया। इनमें कुछ नाबालिग निकले तो कुछ पहले से ही शादीशुदा थे। दिव्यांगों के लिए आयोजित इस समारोह में दो बच्चों की मां शादी के मंडल में पाई गई। यही नहीं एंजेट के रूप में कार्य कर रही महिला ने संस्थान के नाम से पंजीयन कराने करीब 50 लोगों से दो-दो हजार रूपए की भी वसूली की है। संस्थान ने महिला की लिखित शिकायत मोहन नगर थाने में कर दी है। वहीं, संस्थान ने विवाह के बाद जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों भी रोक लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि, आस्था बहुद्देशीय कल्याण संस्थान ने सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया था। इसमें प्रदेशभर से जोड़े पहुंचे थे। संस्थान का उद्देश्य कल्याण ही था लेकिन कुछ लोगों ने निजी हित में अफवाह फैला दी कि हर जोड़े को विवाद के बाद एक लाख रुपए दिए जाएंगे। हल्ला मचने के बाद छत्तीसगढ़ ही नहीं, आसपास के राज्यों से ही बड़ी संख्या में लोग बसों और ट्रेन में बैठकर दुर्ग पहुंचे। इसी बीच हरिभूमि को सूत्रों ने बताया कि इस समारोह में बहुत सारे जोड़े ऐसे हैं जो पहले से शादीशुदा हैं लेकिन पैसे के लालच में वे विवाह करने दुर्ग जा रहे हैं। टीम हरिभूमि और आईएनएच ने इसकी जांच की।
जोड़ों से दो-दो हजार वसूली, संस्थान ने पुलिस में की लिखित शिकायत
जांच में इसकी पुष्टि हुई। खबर प्रकाशित होने के बाद संस्थान ने अपने स्तर पर जांच कराई। संस्थान के संरक्षक रामफल ने बताया कि, विवाह से पहले करीब अठारह लोगों के नाम सामने आए थे, जिसमें से नाबालिक और कुछ विवाह हो चुके लोग भी पहुंचे थे। ऐसी जानकारी मिलने के बाद उनका नाम हटा दिए गए हैं। वही एक महिला जो दो बच्चों की मां जिनका नाम बीना धनेन्द्र सेक्टर टू निवासी बताया गया, इन पर 50 जोडों से दो-दो हजार लेने का आरोप लगाया गया। जिसकी शिकायत संस्थान ने थाने में की है। थाना प्रभारी का कहना हैं कि, महिला की शिकायत मिली है। जिस पर जानकारी लेकर कार्यवाही की जाएगी।
हवन का धुंआ उठा और महिला गायब
दो बच्चों की मां बीना धनेंद्र पर पंजीयन के नाम पर राशि लिए जाने का आरोप लगने के बाद वे मंडल से गायब हो गई। इसके पहले हवन कुंड से धुंआ उठा, ऐसी आशंका है कि इसी का फायदा उठाकर महिला गायब हो गई। मोहननगर थाना प्रभारी का कहना है कि, शिकायत मिली है, जिसके आधार पर जांच की जाएगी। इधर सेक्टर टू की दो हितग्राहियों ने बताया कि बीना धनेन्द्र ने उनसे पैसे लिए। लेकिन कार्यक्रम में उन्हें विवाह में शामिल नहीं किया गया। जबकि दो बच्चे की मां होने के बाद भी वो खुद ही मंडप में बैठ।
इसे भी पढ़े... सामूहिक विवाह का आयोजन : शादी के लिए दुर्ग में दिव्यांगों की भीड़, 30 से ज्यादा जोड़े पहले से शादीशुदा
दो बच्चों की मां बैठी मिली मंडप में
विवाह मंडल में बैठी महिला ही दो बच्चे की मां निकली, उसे वहां से हटा दिया गया। आयोजकों ने उस महिला से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि उसके पहले से दो बच्चे हैं और वो शादीशुदा है। साथ ही कुछ नाबालिग जोड़े भी शादी करने पहुंचे थे। उन्हें भी आयोजन का हिस्सा नहीं बनने दिया गया
नाबालिग और दोबारा विवाह वालों के नाम हटाए
आस्था संस्थान के अध्यक्ष प्रकाश गेडाम ने बताया कि,संस्थान द्वारा पिछलं लंबे समय से वैवाहिक आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में कुछ लोग कार्यक्रम पर पानी फेरने का प्रयास कर रहे हैं। नाबालिग और दुबारा विवाह करने वाले करीब अठारह लोगों के नाम हटा दिए गए थे। अगली बार गहनता से जांच करेंगे। जहां तक प्रमाण पत्र की बात है, जांच के बाद जारी किए जाएंगे।
जांच करेंगे
दुर्ग मोहननगर के थाना प्रभारी भानुप्रसाद साव ने बताया कि, संस्थान की ओर से महिला की शिकायत की गई है। संबंधित महिला पर कुछ लोगों ने पंजीयन के नाम पर राशि लिए जाने का आरोप लगाया है। दस्तावेज लेकर जांच की जाएगी।