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थानेदार की जिम्मेदारी एक बड़े क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा का वातावरण देने की होती है। लेकिन यदि वह अपने सहकर्मियों के लिए ही अभिशाप बन जाए तो क्षेत्र में उसकी क्या इमेज बन रही होगी, समझा जा सकता है।

संदीप करिहार- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक आरक्षक ने टीआई की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि, आरक्षक दफ्तर में पंखे पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश कर रह था। तभी साथी आरक्षक की नजर पड़ी और स्टाफ के अन्य सदस्यों की सूझबूझ से आरक्षक धर्मेंद्र कश्यप को फंदे में झूलने से पहले उतार लिया गया। बताया जा रहा है कि, थाना प्रभारी कृष्ण चंद सिदार के आए दिन अपशब्द कहने से वह परेशान था। मामला सीपत थाना क्षेत्र का है। 

मेडिकल स्टूडेंड ने की आत्महत्या

वहीं कुछ दिन पहले ही रायपुर एम्स के मेडिकल स्टूडेंट ने अपनी जान सिर्फ इसलिए ले ली, क्योंकि वो इंटर्नशिप में फेल हो गया था। जिसके बाद वो डिप्रेशन में आ गया और महज 25 साल की उम्र में उसने आत्महत्या कर ली है। मृतक का नाम रंजीत भोयार बताया जा रहा है ओर वो ओडिशा के  भुवनेश्वर का रहने वाला था। 

 AIIMS के पीजी हॉस्टल में रहता था

बता दें, मृतक रंजीत  एम्स के पीजी हॉस्पटल में रहा करता था। उसके आस-पास में रहने वाले छात्र ने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो उसकी आवाज सुनाई नहीं दी, जिसके बाद पता चला उसने खुद की जिंदगी खत्म कर ली है। इस घटना के तुरंत बाद छात्र ने हॉस्टल के वार्डन को जानकारी दी है। 

क्या मृतक युवक दवा के ओवरडोज ले रहा था 

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस बीच एक बड़ी सूचना सामने आ रही है। मृतक रंजीत के दवा के ओवरडोज इंजेक्शन लेने की आंशका जताई जा रही है। हालांकि पूरी तरह से पोस्टमार्टम होने के बाद ही असली वजह सामने आएगी। 

डिप्रोशन में क्यों था 

दरअसल, वो राजधानी  रायपुर के  एम्स में 2018 से पढाई कर रहा था। आत्महत्या करने से पहले इंटर्नशिप में फेल हो गया था। जिसकी वजह से वो 1 साल पीछे चल रहा था। इसी कारण काफी दिनों से डिप्रेशन में चल रहा था।

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