बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उनका शव घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ में फंदे से लटका मिला। वे सरकंडा थाने में पदस्थ थे और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में निवासरत थे। कुछ दिनों पहले ही सरकंडा थाने के मालखाने की जवाबदारी उन्हें मिली थी और डीएसपी ने उन्हें फटकार लगाई थी। लोगों ने बताया कि, थाने के काम के चलते वो काफी परेशान थे।
मिली जानकारी के अनुसार, हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम गुरूवार को थाने से काम कर अपने घर लौटे थे और रात में सो गये थे। रात में वे उठे और कहीं चले गये। रात में जब परिजनों की नींद खुली तो देखा कि वो अपने बिस्तर में नहीं थे। जिसके बाद थाने में काॅल किया गया लेकिन वे वहां भी नहीं थे। जिसके बाद पुलिस को सूचना मिलते सुबह हेड कांस्टेबल के घर पहुंची और उनकी तलाश शुरू की गई।
घर के पास लटकी मिली लाश
तलाशी के दौरान शुक्रवार की सुबह उनका शव घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ से लटका मिला। जिसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बताया जाता है कि, कुछ दिनों पहले ही लखन मेश्राम को मालखाने की जवाबदारी मिली थी। तब से ही उन पर काम को लेकर काफी दबाव था और उन्हें कभी भी फोन कर थाने बुलाया लिया जाता था। आरोप है कि, घटना से एक दिन पहले ही सरकंडा थाने के टीआई (प्रशिक्षु डीएसपी) ने जब्त माल को कोर्ट में जमा करने के नाम पर लखन मेश्राम को जमकर फटकार लगाई थी।
कोर्ट में माल ज़मा कराने को लेकर डीएसपी ने लगाई थी फटकार
लखन मेश्राम ने मालखाने का जार्च कुछ दिनों पहले ही दिया गया था। जिस वजह से उन्हें मालखाने में रखे सामानों की जानकारी उन्हें अच्छे से नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने कुछ समय बाद माल जमा करने की बात डीएसपी से कही थी। इसी बात को लेकर थाना प्रभारी (प्रशिक्षु डीएसपी) ने उन्हें फटकार लगाई थी। जिसके बाद से हेड काॅंस्टेबल लखन मेश्राम काफी परेशान रहने लगे थे। वहीं इस घटना के बाद साथी पुलिसकर्मियों में दुख का माहौल है। उनके साथियों का कहना है कि, लखन मेश्राम बहुत ही शांत और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में पुलिस की जांच कर रही है।