बिलासपुर। राजनांदगांव जिले के 24 गांवों में लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। जल संकट से परेशान लोगों की जनहित याचिका पर राज्य सरकार ने जवाब दिया कि सुबह-शाम नल से घरों तक पानी पहुंच रहा है। जल संकट की स्थिति नहीं है। इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा कि, हम इसकी जांच करा लेते हैं। शासन के इस दावों की जांच के लिए उन्होंने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। दुर्ग कलेक्टर को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश भी दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
दरअसल, राजनांदगांव जिला मुख्यालय से लगे 24 गांव में नल-जल योजना के तहत एनीकट का निर्माण कराया गया। इसके बाद भी आसपास के गांव के लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिससे जल संकट की स्थिति बन गई है। इसे लेकर हाईकोर्ट में स्थानीय निवासियों ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि पाइप लाइन बिछाई गई है, लेकिन पाइप लाइन में लगे नलों में पानी नहीं आ रहा है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन सहित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही लोगों की समस्याओं पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी देने के लिए कहा था।
शासन ने कहा- कहीं भी समस्या नहीं
प्रकरण की सुनवाई के दौरान शासन ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि, जिन गांवों का उल्लेख किया गया है वहां पानी की समस्या नहीं है। सभी गांव में पाइप लाइन से सुबह व शाम पीने के लिए पानी की सप्लाई हो रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन को लिख कर भी दिया है। साथ ही इसका पंचनामा रिपोर्ट भी पेश किया गया। इस पर याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने कहा कि जो एनीकट की तस्वीर दी गई है वह वहां की नहीं है। इसी प्रकार कुछ लोगों से लिखवा कर पंचनामा रिपोर्ट बनाया गया है। शासन का पक्ष सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि हम इसकी जांच करा लेते हैं। हाईकोर्ट ने जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।