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बीजापुर में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलती हुई दिखाई दे रही है। बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के आभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया।  

श्याम करकू बीजापुर-आवापल्ली। छत्तीसगढ़ के आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मासूम बच्चे की इलाज के आभाव में मौत हो गई। परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल में घंटों तक डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे। आखिरकार हार मानकर बिना इलाज के वापस ले जाते समय रास्ते में बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके बाद से प्रबंधन पर एक बार फिर से सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन लापरवाही की बात से इंकार कर रहा है। 

दरअसल यह पूरा मामला उसूर ब्लाक के आवापल्ली का है। जहां के नेंड्रा गांव निवासी सोमलु हपका के चार साल के बालक हरीश की तबियत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। जहां पर परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल परिसर में घंटों तक डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे। आखिरकार हार मानकर परिजन बच्चे को बिना इलाज के वापस लेकर आ रहा थे। इसी दौरान बच्चे ने वन परिक्षेत्र कार्यालय के सामने दम तोड़ दिया। 

इलाज के आभाव में बच्चे ने तोड़ा दम 

परिजन बच्चे को लेकर गांव जा रहे थे। इसी बीच किसी ने अस्पताल के प्रबंधन को इसकी सूचना दी। जिसके बाद आनन फानन में अस्पताल प्रबंधन ने एम्बुलेंस भेजकर उन्हें गांव भेज दिया। इस बारे में खण्ड चिकित्सा अधिकारी उसूर उमेश ठाकुर से जानकारी लेने के लिए कई बार कॉल किया गया। लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

सीएमएचओ ने लापरवाही से किया इनकार 

वहीं इस घटना के बारे में सीएमएचओ बीआर पुजारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि घटना सुबह की है। बच्चे की तबियत खराब होने से परिजन उसे पहले कहीं और लेकर गए थे। इसके बाद उनके अस्पताल पहुंचने के पहले ही बच्चे की मौत हो गई। सीएमएचओ पुजारी ने आगे बताया कि बच्चे की मौत कैसे हुई, ये जांच के बाद पता चल जाएगा।


 

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