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छत्तीसगढ़ के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में बच्चियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अनेक हास्टल छात्रावास बनाए गए हैं। लेकिन इन छात्रावासों से आए दिन शिकायतें सामने आती रहती हैं।

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक कन्या छात्रावास में छात्राओं को प्रताड़ित करने की शिकायत पर जांच करने पहुंची टीम पर समाज के लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि, छात्रावास अधीक्षिका की प्रताड़ना से तंग आकर बच्चियों ने इसकी शिकायत थाने में की थी।एक छात्रा तो इतनी परेशान हुई उसने छात्रावास ही छोड़ दिया। तब मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई थी। जांच के लिए छात्रावास पहुंची टीम पर पंडो समाज ने गंभीर आरोप लगा दिए हैं। इस बाबत समाज ने कमिश्नर को बाकायदा पत्र भी लिखा है।

पंडो समाज के पदाधिकारियों ने कमिश्नर को लिखा पत्र 

दरअसल, जिले के सनवाल स्थित प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास अधीक्षिका नीलिमा खलखो पीर विशेष संरक्षित जनजातियों की 32 छात्राओं ने दुर्व्यवहार कर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद छात्राओं ने शिकायत थाने में की थी। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने जांच टीम बनाई। जांच के दौरान टीम ने 32 छात्राओं में से 10 के बयान लिये। बाकी छात्राओं का बयान नहीं लिया। इसके बाद पंडो समाज ने जांच दल पर आरोप लगाते हुए संभागीय कमिश्नर को पत्र लिखा है। 

पीड़ित छात्राओं के परिजनों को नहीं बुलाया था

पत्र में लिखा हैं कि, लगभग 32 छात्राओं ने शिकायत की थी। जबकि जांच टीम ने केवल 10 छात्राओं का ही बयान लिया। प्रताड़ना से तंग आकर पढ़ाई छोड़ने वाली छात्रा का भी बयान दर्ज नहीं किया गया। संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि, जिन नई बच्चियों का छात्रावास में आगमन हुआ है वे वहां के लिए अभी नए-नए हैं। उनका बयान भी लिया गया है जो निष्पक्षता पूर्ण और पारदर्शी पूर्ण नहीं है। वहीं पीड़ित छात्राओं के परिजनों को भी नहीं बुलाया गया था। 

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