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गरियाबंद जिले के सुंदरकेरा गांव में एक स्टाप डेम बनाया गया है। सिंचाई विभाग के इस डेम का गांव के किसानों ने नामकरण कर दिया है। उसे नाम दिया गया है 'भ्रष्टाचार डेम' इस नामकरण के पीछे की कहानी क्या है... आइए जानते हैं।

श्यामकिशोर शर्मा- नवापारा-राजिम। छत्तीसगढ़ के गारियबंद जिले के सुंदरकेरा गांव के किसान सिंचाई विभाग द्वारा बनवाए गए 1 करोड़ रुपये के स्टाप डेम से काफी नाराज हैं। नाराज इसलिए हैं कि, जिस जगह पर किसान चाहते थे उस जगह पर उसे नहीं बनाया गया। अपनी मर्जी से विभाग के अधिकारियों ने जगह का चयन कर लिया और 1 करोड़ का स्टाप डेम बना दिए। किसान इसे स्टाप डेम न कहकर भ्रष्टाचार डेम कहने लगे हैं। ग्रामीणों ने इस संवाददाता को फोन कर बुलाया और साइड ले जाकर वास्तविकता दिखाई।

किसानों ने सिंचाई मंत्री केदार कश्यप से की शिकायत 

किसान यहां पर आजू-बाजू में बने स्टाप डेम के बारे में कहने लगे कि, 1 करोड़ के स्टाप डेम को देख लीजिए कितना पानी भरा है... और मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत ने 3 लाख रूपए की लागत से तीन साल पहले जो स्टाप डेम बनवाया उसे देखिए। वाकई में ग्राम पंचायत के स्टाप डेम में जल भराव ज्यादा है। सिंचाई विभाग द्वारा बनाये गये स्टाप डेम में पानी ही नहीं है। बहरहाल गांव के पूर्व सरपंच वरिष्ठ भाजपा नेता नत्थू साहू के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल ने तीन दिन पहले सिंचाई मंत्री केदार कश्यप से मिलकर इसकी जमकर शिकायत की है।

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 डेम पानी पानी 

सिंचाई विभाग ने अपनी मर्जी से जगह का किया चुनाव

किसान नत्थू साहू ने बताया कि, उन्होने मंत्री केदार कश्यप से कहा कि, एक बार आप खुद इस स्टाप डेम का निरीक्षण कर लीजिए या जिले के कलेक्टर को निरीक्षण के लिए भेजिए। भाजपा की सरकार है ,इससे हमारी बदनामी होगी। बरसते पानी के बीच हम लोग खार में घूमकर देखते है कि, पानी का ढाल किधर बनेगा? भले ही इंजीनियरिंग पास नही किए है मगर उससे कम भी नही है क्योंकि गांव की जमीन को हम लोग जानते है। जिस समय डेम का निर्माण शुरू किया गया उस वक्त कार्यस्थल पर किसानों के साथ गए और बस इतना ही कहा कि यहां नींव क्यों खोद रहे है? इसे ऊपर की ओर होना चाहिए तभी डेम का कोई मतलब होगा।  विभाग के अफसरों ने इसे अनसुना करते हुए अपने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिए और उसी जगह काम शुरू करवा दिए।

अफसरों ने दिखाई चालाकी

बताया जा रहा है कि, 30 मई को अफसरों की एक टीम गांव पहुंची और कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग के नाम एक पत्र लिखाकर सरपंच किरण साहू सहित आठ किसानों टीकाराम पटेल, चंद्रहास साहू, शोभाराम, देव सिंह साहू, पन्ना साहू, मोतीराम, कमलेश पटेल, सुदामा का हस्ताक्षर लेकर यह लिखाया कि, स्टाप डेम की ऊंचाई एक फीट बढ़ाई जाए, जिससे जल भराव अधिक हो और सिंचाई सुविधा के लिए आसानी से जल उपलब्ध हो सके। किसानों ने इस पत्र में यह भी लिखा कि बांयी ओर मिट्टी की पार बनाई जाए और स्टाप डेम के डुबान क्षेत्र से निकाला जाए। लेकिन पत्र लिखाने के बाद विभागीय अधिकारी इससे मुकर गए।

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किसानों ने सुझाए हल

गांव के किसानों ने कहा कि, स्टाप डेम के निर्माण में 20 से 30 लाख रुपए भी नहीं लगे होंगे। इसका मूल्यांकन दूसरे विभाग के अफसरों से कराया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। अब डेम को हटाया तो नहीं जा सकता लिहाजा इसकी हाइट अच्छे ढंग से बढ़ाई जाए और ऊपरी हिस्से के मैदान नुमा दिख रहे मिट्टी को खुदवाकर हटाएं तभी डेम में जलभराव हो पाएगा। मालूम हो कि, राजधानी रायपुर में बुधवार को भाजपा की आयोजित बड़ी बैठक में पहुंचे वरिष्ठतम नेताओं एवं संगठन के लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि, कार्यकर्ताओं के कारण जीत मिली है, इसलिए कार्यकर्ताओं की बातों को तवज्जो देना है। 

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