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आरक्षण के मुद्दे को लेकर बस्तर सांसद महेश कश्यप ने प्रेस कॉंन्फ्रेंस की। जहां उन्होंने मिडिया के समक्ष अपनी बातों को रखते हुए संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के मुद्दे को भ्रामक बताया है। 

जीवानंद हलधर- जगदलपुर। देश के ओबीसी वर्ग को दिए गए आरक्षण के लाभ पर अब उच्चतम न्यायालय के जजों द्वारा एक विचार रखा गया है। इस पर बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि, जिस तरह 21 तारीख को भारत बंद के नाम पे, मोदी जी के आरक्षण खत्म करने के नाम पे और संविधान बदलने के नाम पे भारत बंद कर दिया गया। क्रीमीलेयर के मतलब को आज भी हमारे जनजाति समाज के लोग नहीं समझ पाएं हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि, मैं अभी बीच में जनजाति समाज के लोगों के बीच में गया था। क्योंकि, मैं भी आदिवासी हूं और मैं भी यदि सांसद के रूप में हूं तो आरक्षण का लाभ मुझे भी मिला है। लेकिन आरक्षण का लाभ कब मिला, जब संविधान लागु हुआ है और इसे 78 वर्ष हो गया है। 78 वर्ष के अंदर मुश्किल से 10% लोग आरक्षण का लाभ ले रहे हैं। उससे में से एक मैं भी हूं और यदि इसी पद्धति से यदि आरक्षण प्रकिया लागू रहेगा तो हमारे निचले स्तर पर जो लोग हैं। 

 छत्तीसगढ़ में है 32% आरक्षण 

सांसद श्री कश्यप ने आगे कहा कि, यदि मेरा बेटा या फिर जो आरक्षण का लाभ लेकर फर्स्ट अधिकारी बना है उसका बेटा इंग्लिश मीडियम में पढाई करेगा। यदि इंग्लिश मीडियम से 90% प्रतिशत से पास हुआ बच्चा है। वहीं गांव में जो 50% प्रतिशत से पास हुआ बच्चा है तो नौकरी किसका लगेगा। उस अधिकारी के बेटे को जो आरक्षण का लाभ लिया है। इसी प्रकार चलता रहा तो 100 साल बाद भी बाकि लोगों को नहीं मिलेगा। जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में 32% आरक्षण है, जिसमें से बीते 78 वर्ष में मुश्किल से 10%लोग ले रहे हैं। इसी बात को लेकर कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था। 

लोगों ने लगाई थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका 

उन्होंने आगे कहा कि, याचिका में कहा गया था कि, जो OBC कैटेगरी के लिए क्रीमीलेयर का जो प्रावधान है, वैसा ST- SC के लिए भी होना चाहिए। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई फैसला नहीं दिया गया है और ना ही इसको लागु करने के लिए सरकार को बाध्य किया गया था। सिर्फ उसमें से 6 जजों ने अपना विचार व्यक्त किया था कि, जैसा कि, OBC कैटेगरी के लिए आय 8 लाख से अधिक वर्ग आय के लोगों को नौकरी नहीं मिलना चाहिए। उसी समाज के दूसरे लोगों को मिला चाहिए। ऐसा ST- SC कैटेगरी में भी होना चाहिए। यह सुप्रीम कोर्ट का सुझाव था और इसके बाद देशभर के ST- SC सांसद पीएम मोदी से मिले थे। 

पीएम मोदी बोले- नहीं बदलेगा संविधान 

सांसद श्री कश्यप ने आगे कहा कि, मुलाकात में जिसमें पीएम मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि, बाबा साहब आंबेडकर ने जो संविधान लागु किया है। जब तक देश के लोगों का मांग नहीं होगा, अंतिम व्यक्ति तक यह विषय पहुंचेगा और मेरे संज्ञान में नहीं आएगा तब मैं नहीं बदलूंगा। उन्होंने इससे आगे बढ़कर कहा कि, यदि बाबा साहब आंबेडकर भी दुबारा जन्म लेकर आकर कहे कि, मोदी जी बदल दो तब तक नहीं बदलूंगा। जब तक देश के लोगों को इसका संज्ञान नहीं होगा और मांग नहीं होगा। 

रेलमंत्री के जानकारी देने के बाद भी कर हैं भ्रमित 

उन्होंने आगे कहा कि, इसके अलावा हमारे देश के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया था। इसके बाद भी कुछ तथाकथित संगठनों द्वारा भारत बंद के नाम से फरमान जारी किया किया गया और सीधा- सीधा भारत सरकार के ऊपर, हमारे मोदी जी के ऊपर और बीजेपी के ऊपर आरोप लगाया गया कि, संविधान बदला जा रहा है और आरक्षण खत्म किया जा रहा है। इस प्रकार से समाज को भ्रमित कर और मोदी जी को बदनाम करने के लिए कुछ ताकत लगा हुआ है। लेकिन हमारे जो अंतिम गांव के लोगों को जिनको आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है उनको सामने लाया जा रहा है। यदि क्रिमिलियर लागू भी होता है तो नुकशान किसको होगा जो लाभ लिए हैं। मैंने भी लाभ लिया है, लेकिन ऐसा संभव नहीं। फिर भी लोग समाज को भ्रमित करने में लगे हुए हैं। 


 

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