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मलेरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार एक्शन मोड पर है। बीजापुर में बीते तीन दिनों में आश्रम छात्रावास के 10808 बच्चों की मलेरिया जांच की गई है।

जगदलपुर। मलेरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार एक्शन मोड पर है। बीजापुर में बीते तीन दिनों में आश्रम छात्रावास के 10808 बच्चों की मलेरिया जांच की गई है। यहां अभी 622 बच्चे बीमार हैं। 32 बच्चों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। यहां यह बताना लाजिमी है कि बीते साढ़े सात साल में मलेरिया से बस्तर जिले में 623, बीजापुर में 15, नारायणपुर एवं कोंडागांव जिले में एक-एक छात्रा की मलेरिया से मौत हो चुकी है। 

बीजापुर जिले के पोटाकेबिन में दो बच्चों की हाल ही में मलेरिया से मौत होने पर स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणों के साथ-साथ छात्रावासों के बच्चों, शिक्षक, शिक्षिकाओं की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। बीजापुर ब्लॉक में पोटाकेबिन और आश्रम छात्रावास 49 में 4766 बच्चों की मलेरिया जांच में से 28 भर्ती हैं। जानकारी के अनुसार भैरमगढ़ ब्लॉक के पोटाकेबिन और आश्रम छात्रावास 34 में 3914 बच्चों की जांच, उसूर ब्लॉक के पोटाकेबिन और आश्रम छात्रावास 8 में 275 बच्चों की जांच, भोपालपटनम के पोटाकेबिन और आश्रम छात्रावास 12 में 1853 बच्चों की जांच की गई, जिनमें 4 बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।

इतनी हुई मौत

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मच्छर काटने से बस्तर जिले में वर्ष 2017 में 22, वर्ष 2018 में 8, वर्ष 2019 में 5, वर्ष 2020 में 6, वर्ष 2021 में 5, वर्ष 2022 में 7, वर्ष 2023 में 7 एवं वर्ष 2024 में अब तक 2 की मौत हुई है। बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित जिले में 103 पोटोकेबिन और आश्रम छात्रावास हैं। वर्ष 2020 से 2024 तक स्वास्थ्य परीक्षण में 34529 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले और मच्छरों के काटने से 15 लोगों की मौत हुई है। जिसमें वर्ष 2022 में 7, वर्ष 2023 में 6 एवं वर्ष 2024 में अब तक 2 की मौत हुई है। 

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डॉ. केके नाग

बीमार बच्चों का करें उपचार 

खास्थ्य सेवाएं बस्तर संभाग में संयुक्त संचालक डॉ. केके नाग ने बताया कि, सातों जिले के सीएमएचओ को निर्देश दिया है कि वे पोटाकेबिन और आश्रम छात्रावास सहित ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच करें। वहीं बीमार बच्चों का बेहतर उपचार करें, ताकि मलेरिया, डेंगू से लोगों की मौत न हो सके। प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी रखी जा रही है। 

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