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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के तीरथगढ़ क्षेत्र में पर्यटन विकास की नई पहल पर तीरथगढ़ में एक नए रिजॉर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।  इस पहल के माध्यम से क्षेत्र के समुदायों को सशक्त बनाया जाएगा।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के तीरथगढ़ क्षेत्र में पर्यटन विकास की नई पहल पर तीरथगढ़ में एक नए रिजॉर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जिसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस पहल के माध्यम से क्षेत्र के समुदायों को सशक्त बनाया जाएगा और पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव मिलेगा। जिससे वे बार-बार इस क्षेत्र की यात्रा करना चाहें। 

स्थानीय समुदाय को पर्यटन उद्योग से जोड़ते हुए रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है और पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करना है। तीरथगढ़ की छवि को निखारना और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है। सांस्कृतिक और प्राकृतिक संरक्षण पर क्षेत्रीय संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन करना। पर्यटकों से अच्छा व्यवहार करना बेहद जरूरी है। ताकि, वे तीरथगढ़ की सुखद यादें लेकर जाएं और फिर से इस स्थान की यात्रा करें। इसके लिए स्थानीय समुदाय को पर्यटकों के प्रति विनम्रता और सम्मान दिखाने के साथ-साथ क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहरों और उत्पादों की जानकारी होनी चाहिए। 

Officers talking to locals
स्थानीय लोगों से बातचीत करते अधिकारी 

अधिकारियों ने ली स्थानीय लोगों की बैठक 

वहीं स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, तीरथगढ़ की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और प्रचार भी इस परियोजना का हिस्सा होगा। तीरथगढ़ क्षेत्र में मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने हाल ही में दौरा किया। इस अवसर पर स्थानीय ईको विकास समिति और दुकानदारों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार- विमर्श किया गया है। बैठक में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के सहायक वन संरक्षक कमल तिवारी शामिल रहे। सभी संबंधित पक्षों के बीच बेहतर तालमेल के लिए हर महीने एक बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें क्षेत्र के विकास और रोजगार के नए अवसरों पर चर्चा की जाएगी।

पर्यटकों को दी जाएंगी विशेष सुविधाएं  

उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंह ने कहा कि, तीरथगढ़ में पर्यटकों के लिए पीने के पानी, चेंजिंग रूम, वॉशरूम, विजिटिंग रजिस्टर, डस्टबिन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, बंदरों से सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश दिए जाएंगे। तीरथगढ़ को नो प्लास्टिक जोन बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। डस्टबिन, स्वच्छता बोर्ड और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए संकेतक लगाए जाएंगे, ताकि पर्यटक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का अनुभव कर सकें।

स्थानीय लोगों के लिए पैदा होंगे रोजगार के अवसर 

सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बताया कि तीरथगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सभी स्थानीय लोगों और अधिकारियों का सहयोग आवश्यक है। यह परियोजना ना केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी। बल्कि, तीरथगढ़ की छवि को एक नई पहचान भी देगी।

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