महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर शहर में मंगलवार को भगवान भोलेनाथ के नंदी की प्रतिमा को पानी पिलाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। दरअसल हुआ कुछ यूं कि, धरमपुरा रोड पुराना हाऊसिंग बोर्ड स्थित शिव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार की शाम को भगवान शिव के नंदी बाबा की प्रतिमा के पानी पीने की खबर तेजी से फैल गई।
बस फिर क्या था, जिसने सुना वही मंदिरों में मनोकामना पूरी करने के लिए नंदी को पानी पिलाने के लिए गिलास-कटोरी लेकर दौड़ पड़े। हालांकि वैज्ञानिकों की माने तो यह कोई चमत्कार नहीं है और एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। कोई भी मूर्ति पानी या दूध नहीं पी सकती है। हालांकि लोगों का कहना है कि, आस्था के आगे कोई भी नहीं है और मंदिर में भक्त शाम को पानी पिलाने की होड़ लगी रही है। बताया जा रहा है कि, लगभग दो घंटे तक भक्त नंदी महाराज को पानी पिलाते रहे।
आस्था विज्ञान पर पड़ रही है भारी
धरमपुरा रोड स्थित पुराना हाऊसिंग बोर्ड कालोनी निवासी सतेन्द्र सिंह भदौरिया एवं यश बिसेन का कहना है कि नंदी भगवान पानी एवं दूध पीते दिख रहे हैं। ऐसे ही तमाम भक्तों से बात करने पर सभी इसे आस्था का विषय मानकर पूजा करने की बात कह रहे हैं। हालांकि मामले में वैज्ञानिक तथ्यों की माने तो यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसे सरफेस टेंशन कहते हैं, जिसके कारण किसी मिट्टी की मूर्ति या पत्थर की मूर्ति को कोई द्रव्य पदार्थ पानी या दूध से सम्पर्क होता है, उस समय कुछ हद तक मूर्ति पानी सोख लेती है। पानी एवं दूध भरा चम्मच प्रतिमा से छूने पर दूध उसके सहारे नीचे चला जाता है। पर आस्था के चलते लोग ध्यान नहीं देते हैं और प्रतिमा के पानी एवं दूध पीने की बात मान लेते हैं।