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जगदलपुर के पामेड़ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था। जिसमें 5 कुपोषित बच्चे मिले, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग के जेडी ने केंद्र में भर्ती करवाया।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए आदिवासी हमेशा संघर्ष करते रहे हैं। लेकिन अब दूरस्थ अंचल में ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं लगाई जा रही है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले अंतर्गत सर्वाधिक नक्सल प्रभावित पामेड़ में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक (जेडी) पहुंचे। वहां हॉल ही में जेडी डॉ. केके नाग भोपालपटनम से तेलंगाना होते हुए लगभग 180 किमी से पहुंचे। पामेड़ में उन्होंने ग्रामीणों एवं डॉक्टर, नर्स आदि से बैठक लेकर स्वास्थ्य सुविधा को जाना। 

ग्रामीणों ने बताया कि, गांव में 5 बच्चे कुपोषित हैं, जिस पर जेडी ने तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही एक अलग से कमरे में पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किया है। इसमें गांव के कुपोषण वाले बच्चों को भर्ती कराया। जहां विशेष चिकित्सा सुविधा, खानपान के माध्यम से 15 दिन तक इन्हें जेडी ने भर्ती कर उपचार करने का निर्देश दिया है। जिसमें नि:शुल्क जांच, इलाज एवं खान-पान के साथ बच्चों को सुपोषित करने माताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान जेडी ने गांव में जन जागरूकता अभियान और मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। 

Doctors distributing nutritious food to children
बच्चों को पौष्टिक चीजें वितरित करते डॉक्टर 

स्वास्थ्य कर्मियों के लिए आवास नहीं

ग्रामीणों ने कहा कि इस गांव में पहली बार स्वास्थ्य विभाग के जेडी पहुंचे और ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधा को जाना तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हो रहे उपचार को पूछा। ग्रामीणों ने जेडी से कहा कि यहां स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, नर्स आदि कर्मचारियों के आवास नहीं होने के चलते वैकल्पिक से रहते हैं, इसलिए आवास की जरूरत है।

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आवास का प्रस्ताव भेजा गया मुख्यालय

स्वास्थ्य सेवा बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक डॉ. केके नाग ने बताया कि, पामेड़ के डॉक्टरों, नर्स आदि कर्मियों को निर्देश दिया कि, ग्रामीणों की सुविधा में ध्यान दें। साथ ही पामेड़ में लगभग 8-10 आवास निर्माण कराने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा।

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