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मांढर में जासयवाल निको को तालाब देने का मामला फिर विवादों से घिरता जा रहा है। ग्राम पंचायत गिरौद में एक बार फिर से गुपचुप ग्राम सभा के आयोजन की खबर है।

छन्नू खंडेलवाल- मांढर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगते मांढर में जायसवाल निको फैक्ट्री को तालाब देने का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। फैक्ट्री की मांग पर पंचायत ने एक बार फिर से गुपचुप ग्रामसभा का आयोजन किया। हड़बड़ी में ग्राम सभा के आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं। 

दरअसल यह पूरा मामला धरसीवां जनपद अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत गिरौद का है। जासयवाल निको सिलतरा ने अपने प्लांट से लगे गिरौद के निस्तारी तालाब सुनहर बंधान तालाब की मांग एक बार फिर से पंचायत से की है। इसे लेकर ग्रामीणों ने काफी विरोध पहले भी किया था। विवाद बढ़ने के बाद ग्राम सभा ने तालाब को देने से मना कर दिया था। वहीं उसके बाद तीन महीने पहले निको ने पंचायत को पत्र भेजकर 1.951 हेक्टेयर शासकीय भूमि के बदले निजी जमीन देने की मांग की थी। जिसे देने की हड़बड़ी में पंचायत ने ग्रामसभा का आयोजन कर सहमती देने पर विचार कर रही है।

यहां देखें पत्र

खेल मैदान पर निको का कब्जा

निस्तारी तालाब पर निको की बीते कई साल से निगाह है। ग्रामीणों की माने तो जमीन निको के लिए हीरे के समान है, जिसके मिलने पर निको को बहुत ही फायदा होगा। वहीं तालाब को लेकर जायसवासल निको प्लांट दूसरी जमीन पर खेल मैदान बनाकर देने की बात कह रही है। वहीं निको ने खेल मैदान को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया है। जिसे आज तक ग्रामीणों को वापस नहीं लौटाया है।

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निस्तारी तालाब को मांग रहा है निको

जायसवाल निको जिस तालाब की मांग पंचायत से कर रहा है। निस्तारी तालाब गांव की आबादी बस्ती से लगा हुआ है। तालाब में कई बार मनरेगा का काम भी हुआ है। प्लांट को तालाब को दिया जाता है, तो बस्ती पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ेगा। आमसभा में सरपंच, पंच सहित कुछ ग्रामवासी भी मौजूद थे। वहीं इसमें प्रबंधन की ओर से किसी अधिकारी को नहीं भेजा गया था।

ग्रामसभा में कुछ सहमत, कुछ असहमत दिखे

सभा के बाद माहौल बनाने सहमती देने वालों की ओर से फटाखे फोड़े गए। जबकि विरोध करने वाले बाकी ग्रामीण बाहर निकल गए। मिली जानकारी के अनुसार जो लोग बैठक में उपस्थित नहीं थे उनका भी हस्ताक्षर सहमती के लिए दर्ज किया गया है। जानकारों का कहना है कि इस तरह के मामलों में पंचायत को पहले गांव के किसी व्यक्ति को बतौर अध्यक्ष नियुक्त करना होता है। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाती है, जबकि यहां ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।

3 महीने बाद अब हो रही ग्रामसभा

ग्रामीणों ने बताया कि, सुनहर बंधान तालाब की अदला बदली के लिए निको ने 3 माह पहले आवेदन पंचायत को दिया था। पंचायत ने इतने दिनों बाद ग्रामसभा का आयोजन किया है। वर्तमान में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है जिसके चलते व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ग्रामसभा रखी गई थी। निको ने 25 साल में अब तक गांव के हित में कुछ भी काम नहीं किया है। वहीं अब प्लांट के विस्तार के लिए गांव के निस्तारी तालाब को लेने नजरें गड़ाए बैठा है।

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अफसरों को कुछ पता ही नहीं

मामले को लेकर धरसीवां जनपद के सीईओ अनीता जैन कहा कि, मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में जनपद को सूचना देना था, आगे की जानकारी लेकर ही कुछ बता पाउंगी। इसके अलावा तहसीलदार जयेन्द्र सिंह ने भी कहा कि, मुझे भी इस संबंध में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं सरपंच षांति वर्मा ने बताया की मत विभाजन के तहत यह निर्णय हुआ है। बैठक में पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी बात रखी है।

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