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छत्तीसगढ़ के जशपुर में नशेड़ी शिक्षक शराब पीकर गांव में पड़े थे। शिक्षक को ग्रामीणों ने उसी हालत में उठाकर स्कूल पहुंचा दिया। ग्रामीणों ने शिक्षक को वीडियो भी बना लिया है।

जीतेंद्र सोनी- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय काडरो में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां विद्यालय के शिक्षक सुरेंद्र कुमार मुंजनी को ग्रामीणों ने नशे में धुत होकर गांव में घूमते हुए पकड़ा। शिक्षक की हरकतों से परेशान होकर ग्रामीणों ने उसे कांधे पर उठाकर स्कूल पहुंचाया। 

दरअसल, शिक्षक सुरेंद्र कुमार प्राथमिक विद्यालय काडरो में पदस्थ हैं और वहां 136 बच्चे अध्ययनरत हैं। शुक्रवार को शिक्षक सुरेंद्र कुमार स्कूल में बच्चों को 1 पीरियड पढ़ाने के बाद शराब पीने निकल गए और गांव में शराब के नशे में झूमते दिखे। शिक्षक सुरेंद्र कुमार पर स्कूल के बच्चों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। बच्चों का कहना है कि, शिक्षक सुरेंद्र कुमार स्कूल में शराब पीकर आते हैं और हमारे साथ मारपीट, गाली-गलौज करते हैं। बच्चों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब शिक्षक सुरेंद्र कुमार नशे में धुत होकर स्कूल आए हों, इससे पहले भी कई बार उसकी ऐसी हरकतें सामने आ चुकी हैं। जिससे उनकी पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। गांव के लोगों ने जब शिक्षक को नशे की हालत में झूमते देखा तो वे आक्रोशित हो गए और उसे उठाकर स्कूल ले गए ताकि स्कूल प्रशासन और अधिकारियों को उसकी हालत का सीधा प्रमाण दिया जा सके। 

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अधिकारी बोले- जांच के बाद करेंगे कार्रवाई 

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनोद पैंकरा ने कहा है कि, शिक्षक सुरेंद्र कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं बीईओ का कहना है कि, विद्यालय में अनुशासनहीनता और इस प्रकार के व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी को जांच प्रतिवेदन भेजा जाएगा।

ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग पर उठाये सवाल 

आपको बता दें कि शिक्षक सुरेंद्र कुमार को नशा मुक्ति का प्रशिक्षण भी दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद वह अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। यह प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। क्योंकि, शिक्षक का कार्य बच्चों को शिक्षा देना और सही मार्गदर्शन करना होता है, न कि उन्हें डराना या नुकसान पहुंचाना। इस घटना ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया है और शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठाए हैं। अब देखना होगा कि, प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और ऐसे शिक्षकों के खिलाफ क्या सख्त कार्रवाई की जाती है।

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