राजनांदगांव। नक्सल के खिलाफ प्रदेशभर में जारी अभियान के तहत अंचल में भी एक्शन तेज कर दिया गया है। राजनांदगांव, कवर्धा, खैरागढ़ और मोहला-मानपुर जिले में करीबन एक दर्जन फोर्स के कैंप को अब शिफ्ट कर अंदरूनी इलाकों में खोल दिया गया है। यह कैंप ऐसे क्षेत्रों में खोले गए हैं, जहां कभी नक्सलियों का बोलबाला होता था। खास बात यह है कि पुलिस विभाग अपनी प्लानिंग के अनुसार अब प्रदेश के बार्डर को पूरी तरह से सुरक्षित करने के अभियान में जुट गया है। यही कारण है कि नक्सलियों में भी हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है।
उल्लेखनीय है कि, पिछले कुछ महीनों में बस्तर सहित मोहला-मानपुर व अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में हलचल तेज हुई है। पुलिस और फोर्स द्वारा लगातार मुठभेड़ में नक्सलियों को मारा जा रहा है। इसी कार्रवाई के तहत अब ऐसे इलाकों में कैंप को शिफ्ट किया जा रहा है, जहां पर अब तक फोर्स की पहुंच नहीं थी। खास बात यह है कि इन इलाकों में कैंप खोलकर न केवल नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज किया जा रहा है, बल्कि ग्रामीणों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है। इसका असर भी फील्ड पर देखने को मिल रहा है। वहीं नक्सल मोर्चे पर सरकार की बदली रणनीति से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन भी तेज हुए हैं।
शहरी नेटवर्क भी कर रहे ध्वस्त
पुलिस और फोर्स की टीमें न केवल नक्सलियो के इलाको में घुसकर उनके सफाया करने का काम कर रही है। बल्कि इसके साथ ही नक्सलियो के शहरी नेटवर्क को भी ध्वस्त करने पर फोकस कर काम किया जा रहा है। यहीं कारण है कि नक्सलियो तक सामग्री पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ भी लगातार कार्रवाई हो रही है। इसके साथ ही नक्सल मुवमेंट को भी लगातार ट्रेक कर उनके इलाको को सीमित करने का काम किया जा रहा है।
पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर नक्सल के खिलाफ कार्रवाई
राजनांदगांव सहित खैरागढ़, कवर्धा और मोहला- मानपुर जिले से लगने वाले पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के इलाको में नक्सल के खिलाफ अभियान को अधिक सफल बनाने के लिए वहां की पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है, यहीं कारण है कि पिछले कुछ महिनो में लगातार सरेंडर करने वाले नक्सलियो की संख्या में इजाफा हुआ है।