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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में लापरवाही पूर्वक सड़क बनाई जा रही है। जिसको लेकर वनकर्मी द्वारा विभागीय अफसरों को शिकायत की जा रही थी। लेकिन कार्यवाही के बजाय उल्टा उसे ही सस्पेंड कर दिया गया।

जीवानंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में सड़क बनाई जा रही थी। सड़क में लापरवाही और ख़राब गुणवत्ता को लेकर कर्मचारी लगातार विभागीय अधिकारियों को अवगत करा रहा था। लेकिन यह अवगत कराना उल्टा कर्मचारी को ही महंगा पड़ गया और गुस्साए डीएफओ साहब ने कर्मचारी को ही सस्पेंड कर दिया। जिसके बाद कर्मचारियों ने अब अपने ही विभाग के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में ढाई किलोमीटर तक सड़क बनाई जा रही है। जिसको लेकर डब्लूबीएम की सड़क बनाने में लापरवाही बरतने को लेकर डीएफओ से लगातार शिकायत की जा रही थी। लेकिन डीएफओ साहब ने ठेकेदार पर कार्यवाही करने की बजाय वन कर्मचारी को ही सस्पेंड कर दिया। जिसके बाद सस्पेंड हुए कर्मचारी का साथ देने के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के दर्जनों कर्मचारियों ने डीएफओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जगदलपुर उनके दफ्तर पहुंच गए।

 60 लाख रुपये की लागत से बन रही सड़क 

दरअसल, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में 2 से अधिक किलोमीटर की 60 लाख रुपये से बनने वाली डब्लू बीएम की सडक का काम ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा था। लेकिन काम में ख़राब गुणवत्ता को लेकर वन कर्मचारी ने इसकी लिखित शिकायत डीएफओ से की थी। शिकायत में उसने लिखा था कि, जो ठेकेदार काम करवा रहा हैं वह गुणवत्ता विहीन हैं और जल्द ही लाखों रुपये की लागत से बनाई जा रही सड़क खराब हो जाएगी। इस मामले को लेकर कर्मचारी कहना है कि, उसने इस मामले को लेकर विभाग के रेंजर को भी अवगत कराया गया था। लेकिन इसके बाद भी काम की गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं की गई। 

जांच की मांग कर रहे वन कर्मचारी 

इसके बाद शिकायत से तंग आकर डीएफओ साहब ने खराब काम करने वाले ठेकेदार के पक्ष में दरियादिली दिखाते हुए खुद के कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही घटिया सड़क निर्माण का काम वन कर्मचारी के ऊपर मड़ दिया। इस बात की जानकारी मिलने के बाद नेशनल पार्क के दर्जनों वन कर्मचारियों ने अपने कमर्चारी का साथ देते हुए डीएफओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कर्मचारी के सस्पेंशन को रद्द करने की मांग करने लगे है। वहीं सभी वन कर्मचारी राष्ट्रिय उद्यान के दफ़्तर पहुंचे और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करने लगे हैं।
 

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