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कवर्धा एक्सीडेंट में जांच दल ने पाया है कि ये दुर्घटना पूरी तरह से पिकअप वैन के ड्राइवर की लापरवाही से हुई है। इस हादसे में दो पुरषों समेत 19 लोगों की मौत हुई थी।

रायपुर। कवर्धा जिले में एक दिन पहले हुए भीषण रोड एक्सीडेंट मामले की जांच पुलिस मुख्यालय की अंतर्विभागीय लीड एजेंसी ने घटना स्थल पर जाकर की है। जांच दल ने पाया है कि ये दुर्घटना पूरी तरह से पिकअप वैन के ड्राइवर की लापरवाही से हुई है। इस हादसे में दो पुरषों समेत 19 लोगों की मौत हुई थी। मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा के साथ कहा गया है कि यह ड्राइवर गाड़ी चलाने के लिए अनउपयुक्त है। उसके खिलाफ गैर इरादन हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है। 

अंतर्विभागीय लीड एजेंसी के प्रमुख पुलिस मुख्यालय के एआईजी संजय शर्मा ने कहा है कि घटना स्थल पर जांच का काम पूरा कर लिया गया है। अब जल्द ही पूरे मामले की रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी। जांच दल के सदस्यों ने घायलों से भी मुलाकात कर उनके बयान लिए हैं। दो घायल अस्पताल में हैं, बाकी को मामूली चोटें हैं और वे खतरे से बाहर हैं।

■ पहाड़ी पर गाड़ी न्यूट्रल हुई तो स्पीड और बढ़ गई थी 

■ माल गाड़ी में ओवर लोड सवारी, तेंदूपत्ता भी रखा था

आपस में चंदा कर गाड़ी ली थी किराए पर

ग्रामीण आदिवासियों ने तेंदुपता तोडाई के लिए जाने के लिए आपस में चंदा करके चार-पांच दिन के लिए गाडी किराए पर ली थी। ये लोग सुबह करीब पांच बजे गाड़ी से निकले थे। करीब साढ़े छह बजे ये लोग जंगल पहुंचे और वहां से तेंदुपत्ता तोड़ने के बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे वापस लौट रहे थे। रास्ते में एक मोड़ के पास ड्राइवर के पैर की स्लीपर एक्सीलीटर में फंस गई थी। इसी दौरान ड्राइवर ने ब्रेक मारा, हल्का सा ब्रेक लगा भी। लेकिन इसी बीच गाड़ी न्यूट्रल हो गई। इस समय गाड़ी पहाड़ पर चल रही थी। गाड़ी न्यूट्रल होते ही नियंत्रण से बाहर हो गई, पहाड़ी सड़क की ढलान होने के कारण गाड़ी की स्पीड बहुत बढ़ गई थी। इसी चीच ड्राइवर ने जोर से कहा कि गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया है। इसके बाद वह गाड़ी से कूद गया। कुछ और लोग भी गाड़ी से कूदे। इसी बीच ताड़ी जो पूरी तरह अनियंत्रित और ड्राइवर विहीन थी वह सड़क से करीब 35 फीट नीचे जा गिरी और यह बड़ा हादसा हो गया। 

हादसे के नकारात्मक पहलू 

जांच दल के मुताबिक इस हादसे के नकारात्मक पहलू सामने आए है। पहली बात ये कि माड़ी मालवाहक थी, लेकिन इस पर बड़ी संख्या में यात्री बैठाए गए थे। बैठने वालों की संख्या गाड़ी की क्षमता से अधिक थी। यही नहीं, यात्रियों ने जो तेंदूपता तोड़ा था, उसे भी गाड़ी में ही रखा गया था, लेकिन माड़ी की फिटनेस वैलिड थी। बीमा भी था और ड्राइवर का लाइसेंस भी वैध था। 

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