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कवर्धा जिले के पांडातराई नगर पंचायत में रसूखदारों और अधिकारियों की मिली भगत से प्रधानमंत्री आवास रसूखदारों को दे दिया गया। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अब क्षेत्रीय विधायक से गुहार लगाई है। 

संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पांडातराई नगर पंचायत में रसूखदारों और अधिकारियों की मिली भगत से प्रधानमंत्री आवास योजना का दुरूपयोग करने का मामला सामने आया है। एक ओर जहां गरीब परिवार आवास के लिए भटक रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत में रसूखदारों को प्रधानमंत्री आवास आवंटन किया गया है। 

जिसमें आवास के बजाय शापिंग काम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया है। जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना जिनका पक्का मकान नहीं है, ऐसे गरीब जरूरतमंद लोगों को मिलना था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि, जब उनके पास पक्का मकान था तो इसके बावजूद भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्यों दिया गया। वहीं दूसरी ओर गरीब जरूरतमंद परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास की मांग को लेकर पंडरिया विधायक भावना बोहरा से भी गुहार लगाई है।

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मामले की कराई जाएगी जांच- विधायक 

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने कहा कि, पीएम आवास को लेकर कुछ लोग मेरे पास आये हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि, आवास को लेकर उन्हें कुछ परेशानी आ रही है। विषय मेरे पास पहली बार आया है और इसको लेकर जांच करायी जाएगी। 

सरकारी पैसों से कराया गया निर्माण 

आपको बता दें कि पंडरिया ब्लॉक के पांडातराई नगर पंचायत में अधिकारी और कर्मचारियों के मिली भगत से रसूखदारों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया गया है। पहले तो आवास के नाम पर सरकारी पैसों से निर्माण कराया गया। अब उन दीवारों को तोड़कर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है और शटर भी लगा दिया गया है। वह भी महज नगर पंचायत कार्यालय के 100 मीटर की दूरी पर एक नहीं दो नही 15 से 20 लोगों के द्वारा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स 2021-2022 में बनाया गया और सभी लोगों को 2 लाख 26 हजार दिए गए हैं। उसके बावजूद ऐसे हितग्राहियों पर नगर पंचायत सीएमओ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। इस तरह अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का दुरूपयोग करते हुए सरकार को 50 लाख से अधिक का चूना लगाया गया है। 

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