उमेश यादव- कोरबा। बारिश के साथ ही उफान पर रहने वाले मदवानी के इस छिंदई नदी को पार कर पाना आस पास के ग्रामीणों के लिए कितना जोखिम भरा होता था, यह तो ग्रामीण ही जानते हैं। उन्हें एक गांव से दूसरे गांव जाना हो या फिर अपने किसी परिचित के घर जाना हो, लंबे समय तक पुल नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ता था। बारिश आते ही महीनों तक बहुत से लोगों की या तो भेंट मुलाकात बंद हो जाती थी, या फिर लंबी दूरी तय कर एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता था। इस लंबी दूरी को तय करने के लिए उन्हें अतिरिक्त पैसे तो खर्च करने ही पड़ते थे, इसके साथ ही बहृत ज्यादा समय भी देना पड़ता था। अब जबकि इस छिंदई नदी में पुल बन गया है, ग्रामीणों का आवागमन आसान बन गया है। वे आसानी से घंटों की दूरी मिनटों में तय कर पहुंच जाते हैं।
17 करोड़ 17 लाख की लागत से बना पुल
करतला विकासखंड के ग्राम मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग में छिंदई नदी में लगभग 17 करोड़ 17 लाख की राशि से बने उच्च स्तरीय पुल का हाल ही में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरूण साव ने लोकार्पण किया था। रामपुर, मदवानी सहित आसपास के अनेक गांव को कुदमुरा, हाटी सहित प्रमुख मार्गों से जोड़ने में यह पुल ग्रामीणों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। इस पुल के बन जाने से विकास के नए द्वार खुल गए हैं। वर्षों से इस नदी में पुल की मांग थी जो अब पूरी हो गई है। इससे आसपास के अनेक गाँव जुड़ गए हैं। एक दूसरे से सम्पर्क भी बढ़ गया है। यह पुल आवागमन का पुल होने के साथ ही विकास का भी पुल बन गया है।
अब 10 किमी. ज्यादा घूमना नहीं पड़ेगा : कमल चौहान
इस पुल को पार करते हुए ग्रामीण कमल सिंह चौहान ने बताया कि, पहले उन्हें लंबी दूरी तय करके एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता था। उन्हें पांच से 10 किलोमीटर अतिरिक्त वाहन बाइक घुमाना पड़ता था। इससे उनके अतिरक्त रूपये और समय का नुकसान होता था। उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में नदी में पानी कास्तर कम होने पर बहुत से ग्रामीण जोखिम उठाकर नदी पार कर लेते थे। बारिश में नदी का स्तर बढ़ने पर पुल पार करना खतरनाक बन जाता था। अब जबकि पुल बन गया है। आवागमन में आसानी होने के साथ ग्रामीणों को बहुत सहूलियत होने लगी है।
जोखिम उठाकर नदी पार करने से छुटकारा मिला : भुनेश्वर राठिया
ग्राम मदवानी के किसान श्री भुनेश्वर राठिया का कहना है कि गांव में रहने वाले लोगों का दूसरे गांव तक रिश्तेदारों के पास सुख-दुख में आना-जाना रहता है। पुल नहीं होने से विपरीत परिस्थितियों को सहते हुए कुछ लोग जोखिम उठाकर नदी पार करने की कोशिश करते थे, वहीं कुछ लोग अपना बहुत समय बर्बाद कर दूसरे रास्तों से आवागमन करते थे।
रिश्तों में भी मजबूती लाएगा यह पुल
इस पुल से मदवानी, कछार, महराजगंज, चारमार, रामपुर, कुदमुरा, करतला, चांपा सहित अन्य गांव के ग्रामीणों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आसपास के गांव में लड़के-लड़कियों की शादी तय होती है और रिश्ते बनते हैं। ग्राम मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग के छिंदई नदी में पुल सिर्फ आवगमन का पुल ही नहीं है। यह पुल हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने वाले और हमारी परेशानियों को दूर करते हुए खर्च को कम कर खुशियां देने वाला पुल भी है।