अनिल सामंत - जगदलपुर। शहर में एक बड़े जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। बोधघाट थाना पुलिस इस मामले में आरोपियों की धरपकड़ में लगी है। विशेषकर बात यह है कि इस पूरे मामले में सत्तापक्ष के नेता, कारोबारी, राजस्व विभाग के आरआई और पटवारी की भूमिका संदिग्ध है। इस पूरे मामले में इलाके के करीब पचास करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीनों में हेर-फेर, अवैध प्लाटिंग और जमीनों को बांटने का बड़ा खेल होने की आशंका बताई जा रही है। हवाई पट्टी के पीछे के इलाके में ऐसे कई लोग जिनके पास जमीन के कागज तो हैं पर मौके पर जमीन नहीं, इस मामले में एफआईआर के बाद लोगों में उम्मीद जगी है।
जानकारी के मुताबिक, शहर के हवाई पट्टी के पीछे एक कारोबारी की जमीन पर फर्जी नक्शा बनाकर कब्जा करने वाले और फर्जी नक्शा बनाने वालों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन अभी पुलिस के पास सिर्फ चार एकड़ जमीन का ही मामला पहुंचा है। लेकिन यहां हवाई पट्टी के पीछे हिस्से से लेकर करकापाल और रेलवे पटरी के किनारे से होते हुए रानमुंडा की तरफ वाला हिस्सा जो करीब 100 एकड़ से ज्यादा बड़ा पेच है, में भी ऐसा ही खेल-खेला गया है। यहां बंदोबस्त त्रुटि सुधार न होने का फायदा उठाते हुए एक-एक जमीन पर कई-कई लोगों के नाम से नक्शे काटे गये और जमीनों की खरीदी-बिक्री कर दी गई है।
पूरे मामले को कागजों में त्रुटि बताकर इस कोर्ट से उस कोर्ट में लटकाया
वर्ष 2021 तक यहां लोगों ने एक-दूसरे को कागजों में ही जमीनें बेची इसके बाद जब लोग अपने दस्तावेज लेकर जमीन पर कब्जे के लिए पहुंचे तब पता चला कि यहां जमीन तो किसी और के नाम पर दर्ज है। इसके बाद कब्जे की लड़ाई शुरू हुई तो मामला फिर से तहसील और अन्य सरकारी दफ्तरों के चक्कर में अटक गया। बताया जा रहा है कि सौ एकड़ जमीन पर नक्शा बिठाने का खेल खेला गया है इसमें अलग-अलग लोग और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। यहां वर्तमान में सौ एकड़ जमीन की कीमत 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है और इस 100 एकड़ जमीन के करीब चार सौ से ज्यादा मालिक हैं। चूंकि ऋटि सुधार के एवज में यहां खेले गये खेल में राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हैं ऐसे में यहां के मामलों में कोई विशेष कार्रवाई तहसीलदार की तरफ से नहीं की जाती रही है और पूरे मामले को कागजों में त्रुटि बताकर इस कोर्ट से उस कोर्ट में लटकाया जा रहा है।
लोग कागज लेकर घूम रहे लेकिन
उनके पास जमीन नहीं बताया जा रहा है कि इस पूरे इलाके में करीब चार सौ से ज्यादा लोगों ने जमीन खरीदी है जिन लोगों ने जमीनें खरीदी हैं उनके पास जमीन के कागज तो हैं लेकिन मौके पर जमीन ही नहीं है। लोगों ने बताया जब जमीनें खरीदी थी तब बेचने वाले जो जमीन दिखाई थी जब उस पर कब्जे के लिए गये तो उस जमीन के कागज दो अन्य लोगों के पास भी हैं। कुछ मामलों में एक ही जमीन के एक, दो और तीन से ज्यादा मालिक हैं और सभी के पास ओरिजनल नक्शा खसरा मौजूद है।
आरोपियों को बचाने जनप्रतिनिधि सक्रिय
इधर आर आई पटवारी के खिलाफ एफआईआर होने के बाद कार्रवाई से बचने के लिए जुगाड़ शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में एक जनप्रतिनिधि.सक्रिय हो गये हैं। जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है, उन्हें बचाने के लिए जुगत लगा रहे हैं। हालांकि कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मामले में स्थानीय स्तर पर कुछ भी नहीं हो सकता है नेता सिर्फ आरोपियों की गिरफ्तारियां ही रुकवा सकते हैं बाकी राहत तो कोर्ट से ही मिलेगी।
खरीदी गई जमीन का एक और मालिक
एक जमीन मालिक विवेक के मुताबिक उन्होंने दो हजार स्क्वायर फीट जमीन छह लाख रुपये में खरीदी थी। जब जमीन खरीदी थी तब यहां बेचने वाले ने जो स्थान दिखाया था उस पर तत्काल कब्जा नहीं लिया था। इसके बाद वर्ष 2022 में जब कब्जे के लिए गया तो जमीन का एक और मालिक सामने आ गया उसके पास भी जमीन के पूरे दस्तावेज है तब से अपनी जमीन के लिए चक्कर काट रहा हूं ।
5 के खिलाफ एफआईआर
सड़क किनारे की इसी जमीन में फर्जीवाड़ा किया गया, कुछ समय पहले राजस्व अमला यहां नापजोख का दिखावा करने पहुंचा था। जमीन का नक्शा बिठाकर दूसरे के नाम चढ़ाने के मामले में भाजपा नेता, आरआई, पटवारी व कारोबारी सहित 5 पर एफआईआर दर्ज कर जमीन माफियाओं पर कार्रवाई की गई है। पुलिस के मुताबिक इसमें भाजपा नेता हरबंधु ठाकुर, कारोबारी के अलावा आरआई और पटवारी के खिलाफ पांच धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। बोधघाट पुलिस थाना में आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 (बी) भादंवि के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने अपराधिक षड़यंत्र करते हुए कूट रचना कर प्रार्थी की स्वामित्व भूमि के चार एकड़ जमीन के स्थान पर अन्य भूमि का नक्शा बिठाकर अन्य व्यक्तियों के नाम चढ़ाकर नक्शा काटकर बेच दिया है। आरोप है कि, इन्होंने रूपेश कुमार की करोड़ों रुपये की जमीन पर दूसरे जमीन के दस्तावेज के जरिये अपना बनाया और फिर इसे बेच दिया।
रजिस्ट्री जमीन निकली अवैध प्लाटिंग
एक अन्य खरीददार शैलेंद्र के मुताबिक, उसने और उसके साथियों ने यहां तीन प्लाट खरीदे थे बेचने वाले ने बाकायदा हमें प्लाटिंग साइट दिखाई थी और हमने अपने मन से प्लाट छांट लिये थे। प्लाट के पैसे दे दिये और रजिस्ट्री भी हो गई इसके बाद अचानक पता चला कि जो प्लाट हमने खरीदे हैं वह अवैध प्लाटिंग है इसके बाद से जमीन पर न हम घर बना पाये हैं न जमीन बेच पा रहे हैं।
आधा दर्जन स्थानों पर अवैध प्लाटिंग
इस पूरे इलाके में करीब आधा दर्जन स्थानों पर अवैध प्लाटिंग की गई है लोगों के पास बड़ी जमीन थी जिसे उन्होंने प्लाटिंग कर दी और लोगों को प्लाट बेच दिये। इसके बाद शिकायतें हुई तो तत्कालीन कलेक्टर ने कुछ प्लाटिंग को अवैध ठहराया और कुछ लोगों पर एफआईआर के निर्देश जारी किये लेकिन निर्देश जारी होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया और जमीनें यथास्थिति में फंसी हुई हैं।
पटवारी 17 जून तक अवकाश पर
जगदलपुर के तहसीलदार अंकुर रात्रे ने बताया कि, बोधघाट पुलिस ने जमीन मामले में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें एक पटवारी और एक आरआई का नाम सम्मलित है। इसी आधार पर हमने 15 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। टीम में आरआई और पटवारी शामिल हैं। जांच में पुराने दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। जब तक पुराने दस्तावेज में वास्तविक स्थिति का पता नही चलता, कुछ भी कहना उचित नहीं है। जहां तक जिस पटवारी पर आरोप है, वह पिछले 7 से 17 जून तक अवकाश पर है। अवकाश आवेदन जमा है।