रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने रविवार को दो बड़े कारोबारियों की हत्या के षड़यंत्र का पर्दाफाश किया है। जहां लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो शूटर दो बड़े कारोबारियों की हत्या की फ़िराक में रायपुर आए हुए थे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें दो आरोपी रायपुर से और दो आरोपी राजस्थान से पकड़े गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर गंज थाना स्थित होटल से एक शूटर को पकड़ा। जहां शूटर ने कड़ाई से पूछताछ में बताया कि, इस कांड में उसकी मदद के लिए दो बाइकर्स आ रहे हैं। पुलिस के दो जवान उसी कमरे में सादे ड्रेस में रुक गए और अगल-बगल के रूमो में भी करीब दर्ज़न भर जवान ठहर गए। कल शाम को उज्जैन से बस से दो बाइकर्स रायपुर पहुंचे और वहां से वे सीधे होटल आए।
पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल
इस बीच पुलिस शूटर को कवर करके रखी। ज़ब भी दोनों बाइकर्स के फोन आते तो वह पुलिस के बताये हुए स्टाइल में उनसे बात करता। ऐसे में उनको भरोसा हो गया कि, वे सही जगह पर पहुंच गए हैं। लेकिन वे धोखा खा गए जैसे ही उन्होंने रूम को नॉक किया तो आस पास मौजूद जवानों ने इशारा मिलते ही उन्हें दबोच लिया। पकडे गए शूटर और बाइकर्स राजस्थान के लारेंस बिश्नोई और झारखण्ड के अमन साहू गैंग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि, जयपुर से उन्हें निर्देश मिल रहे हैं कि, घटना को कैसे अंजाम दिया जाना है। आरोपियों के पास पुलिस को ये जानकारी मिलते ही एक पार्टी को फ्लाइट से जयपुर रवाना किया गया और चौथे आरोपी पप्पू सिंह को वहां से पकड़ लिया गया। मलेशिया से मयंक सिंह गैंग ने इसकी सुपारी ली थी।
20-20 गोलियां मारने के थे आदेश
पुलिस अफसरों ने बताया कि, लारेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के टारगेट को निशाना बनाने की सुपारी मयंक सिंह गैंग ने ली थी। मयंक के गैंग ने ही चारों आरोपियों के लिए पिस्तौल, मैगजीन से लेकर होटल बुकिंग आदि की सारी व्यवस्थाएं की थीं। मयंक सिंह ने ही दोनों कारोबारियों पर पूरी दो मैगजीन खाली कर देने के लिए कहा था। एक मैगजीन में 20 गोलियां होती हैं। शूटर को यह भी कहा गया था कि, आसपास का कोई आदमी अगर उन्हें बचाने आए तो उसे भी ठोक देना।
रायपुर और रायगढ़ के कारोबारी
ये शांतिर अपराधी जिन बड़े बिजनेसमैनों को मारने आए थे। उनमें रायपुर का रोड ठेकेदार और रायगढ़ का कोयला कारोबारी हैं। कोयला कारोबारी के यहां ईडी की कार्रवाई चल रही हैं। पता चला है, रायपुर के एक रोड ठेकेदार को झारखण्ड में 800 करोड़ का रोड बनाने का काम मिला है। इसी में रंगदारी का मामला था। ठेकेदार से जितना का डील हुआ था, वो मिला नहीं। इससे बात बिगड़ती चली गई।